नई दिल्ली: आगरा में आज कोरोना के 35 और पॉज़िटिव मामले सामने आए जिसके बाद मरीज़ों की संख्या 138 हो गई है. इस हिसाब से आगरा अब यूपी का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन गया है. दो दिनों पहले पीएम नरेन्द्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की थी. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी वीडियो कांफ्रेंस से इस मीटिंग में जुड़े थे. उस बैठक में मोदी ने आगरा मॉडल की तारीफ़ की थी. इन दिनों कोरोना के ख़िलाफ़ जारी लड़ाई में सिर्फ़ दो ही मॉडल की चर्चा है. राजस्थान का भीलवाड़ा और यूपी का आगरा मॉडल. योगी आदित्यनाथ ने भी आगरा के अफ़सरों की पीठ थपथपाई.


हर दिन होने वाली केंद्र सरकार के प्रेस कांफ्रेंस में भी आगरा मॉडल का कई बार ज़िक्र हुआ. स्वास्थ्य मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने भी इस मॉडल की सराहना की. केंद्र सरकार ने तो पूरे देश को इसे फ़ॉलो करने को कहा. लेकिन इसके दो दिनों बाद ही आगरा में कोरोना के मरीज़ों की संख्या अचानक बढ़ने लगी. पिछले दो दिनों में 46 नये मामले आ गए. रविवार को 11 केस मिले.


अकेले आज ही 35 पॉज़िटिव रिपोर्ट आए. आगरा में अब कोरोना मरीज़ों की संख्या बढ़ कर 138 हो चुकी है. यूपी में ये ज़िला मरीज़ों की संख्या के हिसाब से अब टॉप पर है. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या आगरा मॉडल फेल होने लगा है?


क्या है आगरा मॉडल


पहले ये जान लें कि आख़िर आगरा मॉडल क्या है? हॉट स्पॉट, एपिसेंटर, कांटैक्ट ट्रेसिंग, सैंपलिंग और आइसोलेशन का फ़ार्मूला बनाया गया. इसी फ़ार्मूले से कोरोना को फैलने से रोकने की रणनीति बनी. बहुत हद तक ये कामयाब भी रहा. आगरा में कोरोना का पहला केस 3 मार्च को आया था. इटली से शहर के एक बड़े जूता कारोबारी 25 फ़रवरी को दिल्ली लौटे. फिर वे परिवार समेत उसी दिन आगरा पहुंचे. अपनी फ़ैक्टरी जाते रहे. होटलों में खाना भी खाया. जब कोरोना वायरस के लक्षण दिखने लगे तो वे ज़िला अस्पताल पहुंचे.


3 मार्च को उनकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आई. परिवार के 6 सदस्य कोरोना के मरीज़ हो गए. उनके कांटैक्ट में आए एक और व्यक्ति की रिपोर्ट पॉज़िटिव रही. यूपी में कोरोना मरीज़ों का ये सबसे बड़ा मामला था. इसके बाद आगरा प्रशासन ने विदेश से लौटे लोगों की लिस्ट बनाई. सबका कोविड टेस्ट कराया गया. उन्हें क्वॉरंटीन में भेजा गया.


आगरा मॉडल में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए क्लस्टर रोकथाम रणनीति बनी. शुरूआत 2 मार्च से ही हो गई. केंद्र सरकार, राज्य सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक संयुक्त टीम बनी. इसके बाद कोरोना मरीज़ के 5 किलोमीटर के इलाक़े को बफ़र ज़ोन बनाया गया. जहां मरीज़ अधिक थे, उसके तीन किलोमीटर वाले एरिया को एपिसेंटर माना गया. इस एपिसेंटर में हॉट स्पॉट की पहचान की गई. अभी आगरा में ऐसे 33 हॉट स्पॉट हैं. एपिसेंटर में डोर टू डोर सर्वे हुआ.


नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को मिला कर 1248 टीमें बनीं. इस टीम ने 1 लाख 60 हज़ार घरों का सर्वे किया. कोई बीमार तो नहीं है. किसी में कोरोना वायरस के लक्ष्यों नहीं हैं ? क़रीब 9 लाख 91 हज़ार लोगों का सर्वे हुआ. इनमें से 36 तो विदेश यात्रा से लौटे थे. सबको क्वॉरंटीन सेंटर भेज दिया गया. 2264 लोगों के सैंपल लेकर जांच हुई.


आगरा के डीएम प्रभु नारायण सिंह कहते हैं कि हमारा सारा ज़ोर कांटैक्ट ट्रेसिंग और सैंपलिंग पर है. भले ही पिछले दो दिनों में कुछ नए मामले सामने आ गए हैं. लेकिन चार पांच दिनों बाद कर्व नीचे जाने लगेगा. आगरा की रहने वाली शहाना को किडनी में दर्द की शिकायत थी. वे पारस हॉस्पिटल इलाज कराने गईं. उन्हें वहॉं राहत नहीं मिली तो फिर मथुरा के एक प्राइवेट अस्पताल चली गईं. वहां उनका कोविड टेस्ट हुआ तो रिपोर्ट पॉज़िटिव आया. अब वे किस किस से मिलीं, ये पता किया जा रहा है.


आगरा के पारस अस्पताल में जो डॉक्टर और नर्स उनके संपर्क में आया. सबको क्वॉरंटीन में भेज दिया गया है. सबके सैंपल लेकर जांच की जा रही है. इसी तरह फ़तेहपुर सीकरी के जावेद अली भी कोरोना के मरीज़ हो गए हैं. महाराष्ट्र के एक मित्र उनसे मिलने आए थे. जिससे उनको संक्रमण हो गया है. उनके कई जानने वालों की रिपोर्ट भी पॉज़िटिव आए हैं. आगरा के आईजी सतीश गणेश बताते हैं कि तबलीगी जमात से जुड़े 61 लोग कोरोना से संक्रमित हैं. इन सबकी कांटैक्ट ट्रेसिंग हो रही है.


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