कोरोना मरीज़ों का इलाज कर रहे इस डॉक्टर से मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बोले- तुमसे कहा था, मूर्ति लग जाएगी तुम्हारी भोपाल में
कोरोना के इलाज में डॉक्टर अजय गोयनका ने ऑक्सीजन थेरेपी देकर भी बड़ा नाम कमाया. एमपी के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसका जिक्र वीडियो कॉन्फेंसिंग में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से किया था.
मध्य प्रदेश: भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस संक्रमित 108 मरीज़ पूरी तरह से ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं. कोरोना पर विजय पाकर लौटने वाले इन मरीजों की विदाई के वक्त अस्पताल परिसर में उत्सव जैसा माहौल था. इस मौके पर मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा अस्तपला के डॉक्टर अजय गोयनका की जमकर तारीफ की.
स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, "डाक्टर मैंने तुमसे कहा था. मूर्ति लग जाएगी तुम्हारी भोपाल में ऐसा काम करना और डॉक्टर तुमने वो काम कर दिखाया. तुम्हारा और तुम्हारे अस्पताल का नाम भोपाल के घर घर में पहुंच गया है. हैरानी है कि पूरे भोपाल में करीब डेढ़ हजार लोग कोरोना से पीड़ित हुए और तुमने एक हजार बीस लोगों को ठीक कर के घर भेज दिया." स्वास्थ्य मंत्री के इस बात पर तालियां बज उठीं और वहीं मंच पर खड़े हो गये डाक्टर अजय गोयनका.
डॉक्टर गोयनका आज भोपाल ही नहीं प्रदेश में सबसे चर्चित नाम हैं. उनका अस्पताल जो पहले मेडिकल कॉलेज था, उसे कोरोना महामारी के चलते कोविड अस्पताल बनाया गया. यानी शहर की आबादी से दूर ऐसा अस्पताल जिसमें सिर्फ कोरोना का ही इलाज होगा और किसी बीमारी का नहीं. ये चुनौती डॉक्टर गोयनका ने स्वीकार की और उनके अस्पताल में दो महीने से सिर्फ कोविड के मरीज ही देखे जा रहे हैं.
कोरोना का जब कोई इलाज नहीं है तो डाक्टर आप क्या करते हैं? इस सवाल पर डॉक्टर गोयनका का कहना है कि कोरोना संक्रामक बीमारी है और इसका वाइरस नाक मुंह के रास्ते शरीर में प्रवेश कर कुछ खास अंगों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है. फेफड़े, हदय, लीवर और किडनी पर असर करता है. यदि इन अंगों की सेहत पर लगातार नजर रखी जाये तो इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है. हम हर वक्त मरीज की सेहत पर नजर रखते हैं. उसका हौसला बढ़ाते रहते हैं. खूब सारा पानी पिलवाते हैं और ज्यादा से ज्यादा क्सीजन दिलाते हैं.
डॉक्टर गोयनका आगे कहते हैं, "ये वायरस ऑक्सीजन के सामने कमजोर पड़ता है. हमारे अस्पताल का स्टाफ भी सेवा भावी है. जो दिन रात मेहनत करता है. कोई भी स्टाफ सिर्फ पंद्रह दिन काम करता है. बाकी पंद्रह दिन वो क्वारंटीन रहता है. वैसे भी ये बीमारी जानलेवा उनको ही है, जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. यदि आप विटामिन सी खाते हैं अंडे खाकर अपना प्रोटीन का स्तर ठीक रखते हैं. अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखते हैं. तो ये बीमारी नहीं होगी."
कोरोना के इलाज में डॉक्टर अजय गोयनका ने ऑक्सीजन थेरेपी देकर भी बड़ा नाम कमाया. एमपी के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसका जिक्र वीडियो कॉन्फेंसिंग में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से किया था, तो वो भी चौंक गये थे और केंद्रीय दल को इस अस्पताल में इस थेरेपी की जांच के लिये भेजने का वादा किया था. कोरोना के निराशा भरे इस दौर में डॉक्टर अजय गोयनका जैसे डाक्टर उम्मीद जगाते हैं कि कैसे कोरोना को पराजित किया जा सकता है.