लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ने की वजह से देश में मास्क की कमी की ख़बरें आने लगीं. हर तरफ हाहाकार जैसी स्थिति हो गई. ऐसे में यूपी की जेलों में रह रहे कैदियों ने आम जनता की मदद और उनकी सुरक्षा के मद्देनज़र अपना हाथ आगे बढ़ाया और कीर्तिमान रच दिया. उत्तर प्रदेश की 71 जेलों में से 63 जेलों में बीते 10 दिनों में एक लाख 24 हज़ार 500 मास्क तैयार कर दिए गए हैं. इसका नतीजा यह हुआ कि इन जेलों में रहने वाले एक लाख कैदियों को तो मास्क मिल ही गया. साथ ही अब जेल प्रशासन सरकार और आम जनता को मास्क की आपूर्ति करने की स्थिति में आ गया है.


सिर्फ लागत मूल्य पर मास्क देने को तैयार जेल


जेल में रहने वाले कैदियों के इस प्रयास की एक ख़ास बात ये भी है कि जेल प्रशासन ये कवायद फ़ायदे के लिए नहीं करवा रहा बल्कि आपदा के समय सहयोग के तौर पर सिर्फ लागत मूल्य पर मास्क की आपूर्ति करने को तैयार है. ऐसे में जेलों की तरफ से आम जनता को सस्ते और उच्च गुणवत्ता के मास्क की आपूर्ति का प्रयास किया गया है. ज़्यादातर जेलों में कैदियों को मास्क तैयार करने की ट्रेनिंग दी गई और ज़रूरत की चीज़ें मुहैया कराकर उनसे काम लिया गया. नतीजा यह हुआ कि कम वक्त में ज़रूरतों को पूरा करने की कोशिश रंग लाई और जेल न सिर्फ अपनी जरूरत पूरी करने की स्थिति में है बल्कि आम जनता को भी मदद करने को तैयार है.


सैनिटाइज़र बनाने का भी काम किया जा रहा है


देशभर में मास्क के साथ-साथ सेनिटाइजर की भी किल्लत ने लोगों को परेशान कर दिया था. ऐसे में कुछ जेलों में मास्क के अलावा सैनिटाइज़र बनाने का भी काम चल रहा है. ये दर्शाता है कि समाज के सबसे बदनाम लोग भी मुश्किल घड़ी में देश के साथ हाथ बढ़ाने को तैयार खड़े हैं. जेल प्रशासन के बड़े अधिकारियों ने जेलों में किये जा रहे इन कामों को सराहा है.


कैदियों के प्रयास को अधिकारियों ने सराहा


आपको बता दें कि जेलों में कैदी बहुत से काम करते रहे हैं. बिस्किट, नमकीन, जूट के झोले और हैंडीक्राफ्ट के सामान जेलों में बनते आये हैं. लेकिन जैसे ही कोरोना का असर देश में बढ़ा, हर तरफ मास्क और सैनिटाइज़र की मांग आसमान छूने लगी. स्थिति ये आ गई कि कुछ असामाजिक तत्व नकली मास्क और सैनिटाइज़र बनाने लगे तो कुछ स्टॉक होल्डिंग कर ऊंचे दामों पर मास्क और सैनिटाइज़र बेचने लगे. ऐसे में यूपी की जेलों ने जिस तरह मदद के लिए अपना हाथ आगे किया है, वो दिखता है कि मुश्किल घड़ी में देश एक साथ मिलकर मुश्किलों से मुकाबला करने को तैयार है.