जोधपुर: हर मां बाप का सपना होता है अपने बच्चों की शादी धूमधाम से करें, ऐसी ही शादी की तैयारी जोधपुर के एक परिवार ने कर रखी थी .अपनी तीन बेटियों और एक बेटे की शादी लिखमाराम भादू ने आज से 4 साल पहले तय की थी. शादी की तारीख 29 मार्च के शुभ मुहूर्त पर होनी थी. कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की अचानक घोषणा होने के बाद लिखमाराम के सामने गंभीर परिस्थिति खड़ी हो गई क्योंकि समाज में और रिश्तेदारों में कार्ड बांट दिए थे.


लिखमाराम कुछ करते उससे पहले ही सबसे छोटी बेटी के ससुराल वालों की तरफ से कुछ रस्में निभा दी गईं जिसके चलते लिखमाराम को अपनी एक बेटी की शादी करनी पड़ी. कोरोनावायरस के इफेक्ट के चलते दूल्हा अपने एक दोस्त के साथ तैयार होकर घर से ससुराल पहुंचा तो दुल्हन के घर वालों ने मिलकर 7 फेरे करवाये.


लिखमाराम भादू की तीन बेटियों को विवाह 29 मार्च को प्रस्तावित था. इस बीच कोरोना के कारण बिगड़ने हालात काबू करने के लिए देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया. ऐसे में लिखमाराम ने अपने बेटियों का विवाह स्थगित करने के लिए लड़के वालों से बात की. दो लड़के वाले तो तैयार हो गए, लेकिन भगतासनी हाउसिंग बोर्ड निवासी जियाराम के घर विवाह की रस्में शुरू कर दी गई थी. ऐसे में सामाजिक मान्यता के अनुसार उसका विवाह टाला नहीं जा सकता था. इस पर सभी ने तय किया कि एक बेटी संतोष की शादी पूर्व निर्धारित तिथि को होगी.इस पर बगैर किसी धूम धड़ाके के दूल्हे के साथ दो बाराती कल शाम एक कार में सवार होकर पहुंचे. सादगी के साथ दोनों के विवाह की रस्में पूर्ण की गई.


बाद में आपसी सहमति से तय हुआ कि दुल्हन की विदाई बाद में उसकी दो अन्य बहनों की शादी के समय एक साथ की जाएगी. ऐसे में दुल्हन को साथ लिए बगैर दूल्हा अकेला ही वापस लौट गया. शादी की कई रस्मों के दौरान दूल्हा-दुल्हन मास्क लगाकर बैठे रहे. कुछेक अवसर पर मास्क को हटाया गया.



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