आगरा: यूपी का आगरा कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या के मामले में वुहान बनता जा रहा है. उत्तर प्रदेश में कोरोना को लेकर आगरा नंबर एक पर है. यूपी में अबतक 2300 से ज्यादा मामले आये हैं तो वहीं अकेले आगरा में अब तक कोरोना वायरस के 500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. अबतक 14 लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत भी हो चुकी है. जिले से लगती सभी सीमाओं को सील करने के साथ साथ शहर में 40 हॉटस्पॉट बनाए गए हैं. ऐसे में आगरा को यूपी का वुहान कहा जाना कोई अतिशयोक्ति नहीं है.
तब्लीगी जमात से जुड़े लोगे हैं मुख्य कारण
आखिर आगरा में ऐसा क्या हुआ कि पूरे प्रदेश के संक्रमित आंकड़े में 20 प्रतिशत मामले सिर्फ आगरा में ही आये. इसका जवाब है तब्लीगी जमात और पारस हॉस्पिटल. दिल्ली की निजामुद्दीन मरकज से निकलकर तमाम जमाती आगरा आये थे. दिल्ली से नजदीकी के कारण जमातियों का आगरा आना और आकर शहर के अलग-अलग इलाकों में छुपने की वजह से शुरुआत में स्थिति बिगड़ी.
पारस अस्पताल भी है जिम्मेदार
हालांकि प्रशासन लगातार इस कोशिश में रहा कि जमातियों को खोजकर उन्हें क्वॉरंटाइन कराया जाए. इसी बीच पारस हॉस्पिटल नाम का एक निजी अस्पताल कोरोना के मामलों को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाते पाया गया. हुआ यूं कि जमाती के संपर्क में रहने वाली एक महिला पारस अस्पताल में भर्ती हुई. भर्ती होने कर बाद वो एक हफ्ते इसी अस्पताल के रही. लक्षण होने के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने जिला प्रशासन को इस बाबत कोई सूचना नहीं दी.
एक हफ्ते बाद महिला का टेस्ट हुआ तो पता चला कि वो संक्रमित है. ऐसे में अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी क्वॉरंटाइन कराए गए. 500 मामलों में 100 से ज्यादा मामले अकेले पारस अस्पताल से जुड़े हुए हैं.
मेयर नवीन जैन ने सीएम योगी से की अपील
हाल ही में आगरा के मेयर नवीन जैन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिख अपील की थी कि आगरा को वुहान बनने से बचा लीजिए. अपने वीडियो में मेयर हाथ जोड़कर गुहार लगा रहे थे. हालांकि मीडिया में खबर आने के बाद उपजे विवाद को देखते हुए मेयर ने दोबारा बयान जारी कर सरकारी प्रयासों को संतोषजनक बताते हुए मुख्यमंत्री का धन्यवाद भी कर दिया.
हालांकि हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि पहले बयान के बाद कुछ ना कुछ राजनैतिक दबाव की वजह से दूसरा बयान जारी किया गया. हालांकि प्रशासन की स्थानीय जनप्रतिनिधि बहुत संतुष्ट नहीं हैं. इसीलिए पहले इशारों इशारों में आगरा के एत्मादपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक प्रशासन की नाकामी को आगरा की बदहाली की वजह मानते हैं. बाद में जवाब देते हुए उन्होंने खुलकर कहा कि बदहाली के लिए स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार है और इसकी जानकारी उचित जगह यानी लखनऊ के आला अधिकारियों और मुख्यमंत्री तक दी जाएगी.
शहर में 40 जगह हॉटस्पॉट बनाया गया
आगरा शहर की स्थिति यह है कि शहर में 40 जगह हॉटस्पॉट बनाया गया है. वहीं जिले की सभी सीमाओं को सील भी किया गया है. लेकिन क्वॉरंटाइन सेंटरों की बदहाली देखते ही बनती है. ट्रांस यमुना कॉलोनी में 3 अस्पताल अगल बगल हैं. तीनों को क्वॉरंटाइन सेंटर बनाया गया है. इनके दरवाजों पर क्वॉरंटाइन में रखे गए लोगों को देखकर लगता है जैसे इन्हें इनके हाल पर छोड़ दिया गया है. जिसे मन वो बाहर टहल रहा है. टेम्पो पर खाना और पानी आ जाता है और क्वॉरंटाइन पीरियड पूरा करने वालों की अब जांच भी कराई जा रही है.
कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए अब सख्ती बढ़ाई जा रही है. जिला प्रशासन ने लोगों को कड़ा संदेश देने के लिए अस्थाई जेल तैयार की है. एक इंटर कॉलेज को अस्थाई जेल बनाकर लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें इसी जेल में रखने की व्यवस्था की गई है. सामान्य जेलों में रहने वाले कैदियों में संक्रमण न हो, इसके लिए आम क्राइम करने वाले आरोपियों को भी जिला जेल में भेजने की जगह अस्थाई जेलों में ही रखा जा रहा है.
सांसद प्रो एसपी सिंह बघेल खुद कर रहे हैं सैनिटाइजेशन
आगरा में बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए आगरा संसदीय सीट से सांसद प्रो एसपी सिंह बघेल अब खुद सैनिटाइजेशन के लिए गलियों में उतर गए हैं. कभी ट्रेक्टर चलाते हुए कर्मचारियों से सैनिटाइजेशन करा रहे हैं तो कभी खुद लोगों को जागरुक करने के लिए पाइप हाथ में लेकर घर घर सैनिटाइज करने का काम कर रहे हैं. सांसद एसपी सिंह बघेल से आगरा की बदहाली के सवाल पर उन्होंने कहा कि जमातियों और पारस अस्पताल की लापरवाही शहर के लिए भारी पड़ गई.
उन्होंने बताया कि सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से पूरी कोशिश की जा रही है. इसके बाद भी शहर की जरूरतें ज्यादा हैं, इसलिए खुद गांव की मदद से शहर के कल्याण की नीति बनाकर वो काम कर रहे हैं. प्रो बघेल ने बताया कि उन्होंने गांवों से ट्रेक्टर मंगाकर उसमें ड्रम रखवाए और अपने खर्च से सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव कराने का काम उन्होंने शुरू किया. सांसद का कहना है कि कुछ दिक्कतें जरूर हैं लेकिन उम्मीद है बहुत जल्दी स्थिति नियंत्रण में होगी.
ऐसे में यूपी सरकार के लिए चिंता का विषय आगरा बना हुआ है. लोगों ने अब आगरा की तुलना चीन के वुहान से करनी शुरू कर दी है. लगातार बढ़ते हुए मामलों ने न सिर्फ आगरावसियों को बल्कि योगी सरकार को परेशान कर रखा है. राज्य सरकार ने आईएएस और एक आईपीएस की नियुक्ति कोरोना को लेकर विशेष तौर पर आगरा में की है. ऐसे में देखना होगा कि सरकार की यह कोशिश क्या आगरा की तुलना वुहान से किया जाने से मुक्त करने में सफल होगी.
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