मुजफ्फरनगर: दंगों की वजह बने कवाल कांड में एडीजे-7 अदालत ने 7 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मलिकपुरा गांव के सचिन और गौरव को 27 अगस्त 2013 को भीड़ ने घेरकर पीट-पीटकर मार डाला था. अदालत ने दो दिन पहले इस केस की सुनवाई पूरी करते हुए 7 आरोपियों को हत्या के अपराध का दोषी माना था.


दो दिन पहले पूरी हुई गौरव-सचिन मर्डर केस की सुनवाई के बाद कोर्ट ने आज का दिन हत्यारों की सजा पर फैसले के लिए मुकर्रर किया था. करीब 3 बजकर 20 मिनट पर मुजफ्फरनगर की एडीजे-7 कोर्ट ने फैसला देते हुए 7 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने मुजम्मिल, मजस्सिम, नदीम, जागीर, अफजाल, इकवाल और इरफान को गौरव और सचिन के हत्यारे माना है.


इस केस में मुजम्मिल और मजस्सिम, नदीम और जागीर, अफजाल और इकवाल सगे भाई है. 27 अगस्त 2013 की दोपहर गौरव की बाइक जागीर के भाई शाहनवाज से टकरा गई थी. घटना के वक्त बाइक पर गौरव का ममेरा भाई सचिन भी बैठा हुआ था.


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शाहनवाज और गौरव के बीच विवाद हुआ तो गौरव और सचिन ने शाहनवाज की पिटाई कर दी. शाहनवाज के घायल होने से आक्रोशित हुए आरोपियों ने गौरव और सचिन को घेरा और पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था. अस्पताल में इलाज के दौरान शाहनवाज की भी मौत हो गई थी.



अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अंजुम खान ने बताया कि एडीजे-7 कोर्ट ने आरोपियों को उम्रकैद की सजा के अलावा सभी दोषियों पर 2-2 लाख रूपये का अर्थदंड भी लगाया है. जुर्माने की 80 फीसदी धनराशि पीड़ित परिवारों को दी जायेगी. इस केस में 5 आरोपियों को नामजद किया गया था जबकि जांच के दौरान दो और आरोपी वारदात में सम्मिलित पाये गये. दो आरोपियों के नाम चार्जशीट में शामिल किये गये थे. इस केस की सुनवाई करीब साढ़े 5 साल तक चली.


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गौरव के पिता बोले- इंसाफ हुआ..कोर्ट का फैसला सिर-माथे


अदालत का फैसला आने के वक्त गौरव के पिता कोर्ट में मौजूद थे. कोर्ट से बाहर आने के बाद उन्होने इस फैसले पर खुशी जताई है. उन्होने कहा कि कोर्ट का फैसला सिर-माथे पर है. कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है, वह कोर्ट का नही..भगवान का फैसला है. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होने फांसी की सजा की उम्मीद की थी, रविन्द्र कुमार ने कहा कि हमने इंसाफ की उम्मीद की थी, वह पूरी हुई है. उनकी नजर में यह सजा पर्याप्त है.