मथुरा: मथुरा की एक अदालत ने पवित्र गोवर्धन पर्वत पर निर्मित सभी नये मंदिरों को स्थानांतरित किये जाने के आदेश दिये है. एक वकील ने बुधवार को बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण मामलों की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति रघुवेन्द्र राठौर ने कहा कि पहाड़ी पर पुराने मंदिरों को नहीं छेड़ा जायेगा.


अदालत ने बाबा आनंद गोपाल दास और सत्यप्रकाश मंगल की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को यह आदेश पारित किया.

वकील सार्थक चुतर्वेदी ने निर्णय के बारे में बताते हुए कहा कि नये मंदिरों के आसपास बनाये गये अतिथि गृहों और वाणिज्यिक आवासों को भी ढ़हाया जायेगा और देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को सम्मानपूर्वक स्थानांतरित किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि गोवर्धन पर्वत के आसपास परिक्रमा मार्ग पर अवैध निर्माण को भी ढ़हाया जायेगा.अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि एक नवम्बर तय की.

भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा के गोवर्धन में हर साल पूर्णिमा का मेला लगता है. दानघाटी मंदिर में लाखों-करोड़ो श्रद्धालु गोवर्धन जी (गिरिराज पर्वत) के दर्शन करते हैं और 21 किलोमीटर की पैदल परिक्रमा करते हैं. यहां करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं.

बता दें कि गोवर्धन कस्बे में स्थित धार्मिक महत्व के गिरिराज पर्वत पर अतिक्रमण करने के मामले की सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय हरित अधिकरण के न्यायाधीश ने पूछा था कि ‘क्यों न गिरिराज पर्वत को हेरिटेज स्थल घोषित कर दिया जाए.’