नई दिल्ली: आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के मॉड्यूल का हिस्सा होने के संदेह में गिरफ्तार किए गए 10 लोगों को दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को 12 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया. आईएस मॉड्यूल 'हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम' के सदस्यों को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उनकी 15 दिनों की हिरासत की मांग की थी.
एनआईए ने बुधवार को समूह के सरगना सहित इन लोगों को गिरफ्तार किया था. यह कथित रूप से कुछ राजनीतिक हस्तियों व सुरक्षा प्रतिष्ठानों के साथ-साथ दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी में भीड़भाड़ वाली जगहों पर आतंकी हमले को अंजाम देने की योजना बना रहे थे.
न्यायाधीश ने छह आरोपियों के परिवार के सदस्यों को अदालत में उनसे मिलने की इजाजत भी दी. हालांकि एक आरोपी के परिवार के सदस्यों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिला क्योंकि उनके पास पहचान सबूत नहीं था.
अब आठ जनवरी को होगी पेशी
इन आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच और ढके हुए चेहरों के साथ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे की अदालत में पेश किया गया. न्यायाधीश ने मामले में बंद कमरे में सुनवाई का आदेश दिया. आरोपियों से हिरासत में पूछताछ किये जाने के बाद उन्हें आठ जनवरी को अदालत में पेश किया जायेगा.
सभी आरोपियों की ओर से पेश वकील एम एस खान ने एजेंसी की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि एनआईए पहले ही मामले में सब कुछ पता लगा चुकी है क्योंकि उन्होंने अपनी जांच के निष्कर्षो को सार्वजनिक करने के लिए बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन किया था.
एनआईए ने की थी छापेमारी
एनआईए ने दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ और उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते के समन्वय से जाफराबाद के छह स्थानों, दिल्ली के सीलमपुर और उत्तर प्रदेश के 11 स्थानों- अमरोहा में छह, लखनऊ में दो, हापुड़ में दो और मेरठ में दो स्थानों पर छापे की कार्रवाई के बाद इन लोगों को गिरफ्तार किया था.
ये सामान हुआ था बरामद
एनआईए के अनुसार छापेमारी के दौरान देशी रॉकेट लांचर, आत्मघाती जैकेट का सामान और टाइम बम बनाने में प्रयुक्त होने वाली 112 अलार्म घड़ियां मिली हैं. एजेंसी ने यह भी बताया कि 25 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री-पोटेशियम नाइट्रेट, अमोनियम नाइट्रेट और सल्फर भी बरामद किया गया था. इसके अलावा एनआईए ने तलाशी अभियान के दौरान स्टील कंटेनर,इलेक्ट्रिक तारें, 91 मोबाइल फोन, 134 सिमकार्ड, तीन लैपटॉप, चाकू, तलवार और आईएसआईएस से संबंधित साहित्य बरामद किया था.