Covid-19: कोरोना आपदा से लड़ने के लिए BJP ने किया टास्क फोर्स का गठन, कांग्रेस ने कसा तंज
मध्यप्रदेश में कोरोना टास्क फोर्स के बहाने कांग्रेस ने सीएम शिवराज सिंह को निशाने पर ले लिया है. कांग्रेस का आरोप है कि सीएम ने मंत्रिमंडल में शामिल होने की इच्छा रखने वालों को टास्क फोर्स में जगह देकर खुश करने की कोशिश की है.
भोपाल: मध्यप्रदेश में कोरोना का मुकाबला करने के लिये बनी टास्क फोर्स विवादों में आ गयी है. बीजेपी ने सोमवार की रात नौ बजे ग्यारह सदस्यों वाली एक टास्क फोर्स का ऐलान किया. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को इसका अध्यक्ष बनाया गया तो उसके दस सदस्यों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी हैं. बाकी के नाम कैलाश विजयवर्गीय, गोपाल भार्गव, राजेन्द्र शुक्ला, जगदीश देवडा, राकेश सिंह, नरोत्तम मिश्रा, मीना सिंह, सुहास भगत और तुलसीराम सिलावट हैं.
बीजेपी के लेटर हेड पर जारी किये गए विशेष कार्यदल का गठन का मकसद कोरोना महामारी के कारण बनी स्थिति को देखते हुये समय समय पर इसकी समीक्षा और सरकार के साथ समन्वय व संगठन की अधिक सक्रियता की दृष्टि से किया गया है. मगर इस कार्यदल बनाने के पीछे की कहानी ये है कि इस कोरोना काल में शिवराज सिंह अकेले सरकार संभाले हुये हैं.
बीजेपी की सरकार में मंत्रिमंडल नहीं होने के कारण इसकी आलोचना की जा रही है. ऐसे में मंत्रिमंडल गठन का समय अभी ठीक नहीं होने और गठन से जुड़े ढेरों विवादों से बचने के लिए ये कमेटी बना दी गयी है. बाद में जब हालत सुधरेंगे तो मंत्रिमंडल बनाने की बात सोची जायेगी ये आलाकमान ने तय किया है. इसलिये पार्टी की ओर से बनी टास्क फोर्स में वो सारे मंत्री हैं जिनसे मिलकर ही शिवराज का मंत्रिमंडल बनेगा. इस टास्क फोर्स के बनते ही इसकी आलोचना शुरू हो गयी.
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि टास्क फोर्स में डॉक्टर और विषय विशेषज्ञों को शामिल किया जाता तो प्रदेश का भला होता मगर ऐसा लगता है मुख्यमंत्री ने इस टास्क फोर्स के बहाने मंत्रिमंडल में शामिल होने की इच्छा रखने वालों को जगह देकर खुश करने की कोशिश की है. उधर व्यापम के व्हिसल ब्लोअर आनंद राय ने भी कहा है कि बेहतर होता ये टास्क फोर्स सरकार बनाती और उसमें अच्छे जानकार लोगों को रखती अब यदि बीजेपी ने ही इसे बनाया है तो बीजेपी अपने चिकित्सा प्रकोष्ठ के डॉक्टरों को रखती तो प्रदेश और संगठन का भला होता. मगर इस कमेटी से निराशा ही हुयी है.
उधर सोशल मीडिया पर इस कमेटी के जबाव में महाराष्ट्र सरकार की टास्क फोर्स का प्रचार किया जा रहा है जिसमें जानकार डॉक्टरों को शामिल कर सरकार ने उनकी मदद ली हैं. हांलाकि बीजेपी इसे सरकार नहीं पार्टी की टास्क फोर्स बता कर पल्ला झाड़ रही है. सोमवार की शाम को इस टास्क फोर्स की वीडियो बैठक भी होगी.
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