COVID-19: बिहार के सिवान, बेगूसराय, नालंदा और नवादा जिले के हर घर की होगी स्क्रीनिंग, कल से शुरू होगा अभियान
कोरोना वायरस को लेकर बिहार में कल से नालंदा, बेगूसराय, सिवान और नवादा जिले के हर घर की स्क्रीनिंग की जाएगी. इस दौरान स्वास्थ्यकर्मी जानकारी इकट्ठा करेंगे.
पटना: लॉकडाउन के दूसरे फेज में बिहार के चार जिले सिवान, नालंदा, नवादा और बेगूसराय में हर घर की स्क्रीनिंग कराने का काम गुरुवार यानी कल से शुरू होने जा रहा है. वहीं पटना ज़िले के सभी बॉर्डर को सील करने का आदेश डीएम ने दे दिया है. पटना के डीएम ने कहा कि देशभर में कोरोना वायरस का संकट तेजी से बढ़ता जा रहा है, ऐसे में जिला प्रशासन ने राजधानी के बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया है. इसके बाद अब सिर्फ आपातकालीन स्थिति में जिले में आने-जाने की अनुमति दी जाएगी.
डीएम ने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पटना आने वाले और जाने वाले जितने भी रास्ते हैं, उस पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. साथ ही उन्होंने बताया कि अनावश्यक रूप से पटना जिले की सीमा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
बिहार में अब तक 70 पॉजिटिव केस सामने आए
दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि सिवान में हर घर में जांच टीम जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों को हर तरह का सामान उपलब्ध कराया जा रहा है. अभी तक 70 लोग पॉजिटिव हुए हैं. 40 मरीज़ पॉजिटिव में एक्टिव हैं और कल से 4 जिलों सिवान, बेगूसराय, नालंदा और नवादा में घर-घर टीम जाएगी. हर किसी की स्क्रीनिंग होगी. 1 मॉर्च से 23 के बीच जो भी लोग बाहर से आए हैं उनकी जांच होगी. यह चुनौती है और हम सभी लोगों की भलाई के लिए हैं. किट अभी पर्याप्त हैं और कल से पटना एम्स मे भी जांच होगी.
पूरी तरह से फॉलो किया जाएगा- स्वास्थ्य मंत्री
वहीं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाया गया है. इसे पूरी तरह से बिहार में फॉलो किया जाएगा. अभी तक कुल 70 पॉजिटिव केस आए हैं. आज चार नए मामले सामने है. राज्य में अब तक 8100 से अधिक टेस्ट हो चुके हैं.
मंगल पांडेय नेकहा कि दूसरे देशों की तुलना में भारत में देखें तो हमारे यहां की स्थिति बेहतर हैं. कई राज्यों में बिहार की स्थिति बेहतर है. अगर हम इसी तरह से लॉकडाउन का पालन करते रहें तो निश्चित रूप से कोरोना वायरस को हरा देंगे. उन्होंने कहा कि चार जिलों में घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की जाएगी और हर घऱ से जानकारियां इकट्ठा की जाएंगी. जानकारी लेने के बाद घरों पर निशाना लगाए जाएंगे. पांच दिनों में ये जानकारी इकट्ठा की जाएगी. फिर दोबारा जाकर स्वास्थ्यकर्मी उन घरों की जांच करेंगे.