COVID-19: जानें कैसे और किस आधार पर बनता है लॉकडाउन में आने-जाने का पास?
झारखंड में एक जिले से दूसरे जिले या राज्य में जाने के लिए केवल दो शर्तों पर ही पास बनाया जाता है. इसमें एक मेडिकल इमरजेंसी और दूसरा ब्लड रिलेशन से जुड़े किसी व्यक्ति की मौत शामिल है.
रांची: पूरे देश में जब से कोरोना को लेकर लाकडाउन की शुरुआत हुई है तभी से लोग ये जानना चाहते हैं कि आखिर किसी काम के लिए पास कैसे बनता है? दरअसल, इस लाकडाउन में कई लोग मौजमस्ती के लिए नियमों का उल्लंघन कर घूमने निकल रहे हैं तो कई लोग जरूरतमंद हैं जो चाहकर भी बाहर नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में सभी के मन में ये सवाल उठता है कि आखिर लाकडाउन में कोई इमरजेंसी हो तो उसके लिए पास कैसे बनेगा?
उदाहरण के तौर पर हम झारखंड राज्य की बात करते हैं. झारखंड में लॉकडाउन में एक जिले से दूसरे जिले या दूसरे राज्य में जाने के लिए सिर्फ दो शर्तों पर ही पास बनाया जाता है. चाईबासा जिले के एसडीएम सदर परितोष कुमार ठाकुर ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि पास सिर्फ उन्हीं लोगों का बनाया जा रहा है जिनके साथ कोई मेडिकल इमरजेंसी हो और किसी अन्य जिले या राज्य में इलाज के लिए जाना हो, या फिर परिवार में किसी ब्लड रिलेशन से जुड़े व्यक्ति की मौत हो जाती है तो ऐसे स्थिति में भी पास बनाया जाता है.
पास बनवाने के लिए सभी जरूरी कागजात जैसे डॉक्टर से लिखवाया हुआ मेडिकल इमरजेंसी का कारण और ट्रांसफर लेटर या इसी तरह के अन्य जरूरी कागजात या तो डीटीओ ऑफिस में खुद जाकर जमा करना होता है या फिर चाहें तो ऑनलाइन भी जमा कर सकते हैं.
जहां तक पास बनने में लगने वाले समय की बात है तो आपकी इमरजेंसी पर निर्भर करता है. चाईबासा जिले में डीटीओ के अतिरिक्त प्रभार पर तैनात परितोष ने ये भी बताया कि लॉकडाउन के दौरान कई बार ऐसे केस भी आए हैं जब किसी के पिता की मौत हो गई या बड़ी मेडिकल इमरजेंसी हो गई. ऐसी स्थिति में हमने आधे घण्टे के अंदर भी पास बनाकर दिया है. ऐसे में लोगों को सलाह है कि किसी इमरजेंसी में ही पास के लिए आवेदन दें.
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