पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन में रोजगार सृजन और कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर किए जा रहे कार्यों की स्थिति के बारे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समीक्षा की. समीक्षा के बाद अहम फैसले लिए. इसमें कहा गया कि हाशिये पर के ऐसे परिवारों को जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें जीविका समूह के माध्यम से चिन्हित कराकर एक हजार रूपये के भुगतान की व्यवस्था होनी चाहिए.


पैक्स के माध्यम से गेहूं की खरीद और किसानों को अपनी पंचायतों में ही फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा. पैसे का समय पर भुगतान हो. इसके साथ ही बाढ़ और कटाव से बचाव के लिए सुरक्षात्मक कार्यों को पूरा करने को कहा.मनरेगा के अन्तर्गत एक एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाबों का निर्माण शीघ्रता से हो.


मुख्य सचिव ने बताया कि गाइडलाइन को फॉलो करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में हमलोग कुछ प्रोसेसिंग यूनिट चालू कर सकते हैं. सरकार द्वारा चलाई जा रही कुछ ऑनलाइन योजनाओं की शुरूआत की जा सकती है. जूट उद्योग, माइनिंग के उद्योग, ऑयल गैस रिफाइनरी इत्यादि की शुरूआत की जा सकती है.


मुख्य सचिव ने बताया कि सात निश्चय के कार्यक्रम हर घर नल का जल, पक्की गली-नालियां, शौचालय का निर्माण, तालाबों/पोखरों का जीर्णोद्धार जैसे कार्य शुरू कर दिए गए हैं. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, सैनिटाइजेशन कराना और लार्ज गैदरिंग को रोकना आदि शामिल है.


वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अस्वीकृत और पेंडिंग राशन कार्ड की जांच कर आवेदक को राशन कार्ड निर्गत किया जाए. सतत जीविकोपार्जन योजना एक महत्वपूर्ण योजना है. जीविका के माध्यम से ऐसे परिवारों का चयन कर लें जिनका राशन कार्ड नहीं बना है. ऐसे परिवारों को एक हजार रुपये की राशि के भुगतान की व्यवस्था होनी चाहिए. इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग दो दिन में सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर लें.


नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में पहले से सतत जीविकोपार्जन योजना चलायी गई है, जिसके माध्यम से हाशिये पर के लोगों को आगे बढ़ाने के लिये और पूर्व में शराब और ताड़ी के कार्य से जुड़े लोगों की जीविका के लिए मदद हो सके. इन हाशिये पर के लोगों के पास राशन कार्ड भी नहीं है. मनरेगा के भी ऐसे मजदूरों का जिनका राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी चिन्हित करें. इनलोगों का बैंक एकाउंट भी खुलवायें और जल्द से जल्द इनके खाते में राशि ट्रांसफर करायी जाए.


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से बिहार के बाहर राज्य के जो लोग फंसे हुए हैं उन्हें राहत देने के लिए उनके खाते में भी 1000 रुपया भेजा जा रहा है. इस कार्य की भी निगरानी करते रहें ताकि बचे लोगों को भी खाते में राशि जल्द से जल्द भेज दिया जाए. राज्य में चलाये जा रहे आपदा राहत केन्द्रों पर सुविधाओं पर भी नजर रखें ताकि किसी को कोई दिक्कत न हो.


सीएम ने कहा कि मजदूरों के रोजगार सृजन के लिए भी उपाय करने होंगे. राज्य में मानसून की शुरूआत के पूर्व बाढ़ नियंत्रण के लिये कुछ जरूरी कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर करना होगा. पिछले साल बाढ़ की वजह से कटाव निरोधक और बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को प्राथमिकता में रखते हुए शुरू करें. बाढ़ प्रबंधन से जुड़ी हुई जिन योजनाओं पर काम शुरू हुआ था, उसे भी पूरा करें.


COVID-19: बिहार के सिवान, बेगूसराय, नालंदा और नवादा जिले के हर घर की होगी स्क्रीनिंग, कल से शुरू होगा अभियान