इंदौरः मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते प्रकोप से निपटने के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सुझाये "आईआईटीटी" फॉर्मूले पर काम शुरू कर दिया गया है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. इंदौर को सूबे की आर्थिक राजधानी माना जाता है और 30 लाख से ज्यादा की घनी आबादी वाली इस बसाहट को मुख्यमंत्री अपने "सपनों का शहर" कहकर संबोधित करते हैं.


अधिकारियों ने बताया कि शिवराज के "आईआईटीटी" फॉर्मूला का मतलब आइडेंटिफिकेशन (संदिग्धों और मरीजों की जल्द पहचान), आइसोलेशन (संदिग्ध मरीजों को पृथक वास और पुष्ट मरीजों को अस्पतालों के पृथक वॉर्डों में तुरंत भेजना), टेस्टिंग (ज्यादा से ज्यादा नमूनों की जांच) और ट्रीटमेंट (इलाज की सुविधाएं बढ़ाना) से है.


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने बताया, "इंदौर में इन दिनों कोविड-19 के जो नये मरीज मिल रहे हैं, उनमें से ज्यादातर लोग संक्रमितों के सगे-संबंधी या परिचित हैं. मरीजों के संपर्क में आये ऐसे सभी लोगों को सावधानी के तौर पर पहले ही अलग किया जा चुका है."


बढ़ाए जा रहे हैं वेंटिलेटरों की संख्या


उन्होंने बताया, "हमने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिये शहर के अलग-अलग अस्पतालों में करीब 2,000 बिस्तरों का इंतजाम किया है. हम यह क्षमता दोगुनी कर 4,000 बिस्तरों तक पहुंचाने जा रहे हैं." जड़िया ने बताया कि शहर के अस्पतालों में करीब 150 वेंटिलेटर हैं. अलग-अलग माध्यमों से इनकी तादाद भी बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं.


सीएमएचओ ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के सर्वेक्षण दल उन इलाकों के करीब 35,000 परिवारों तक पहुंच चुके हैं जिन्हें कोरोना वायरस का पहला मरीज मिलते ही सील किया जा चुका है. इसके अलावा, त्वरित प्रतिक्रिया दलों (आरआरटी) ने भी ऐसे 12,000 लोगों से संपर्क किया है जो कोरोना वायरस के मरीजों के नजदीकी संपर्क में थे.


उन्होंने बताया कि इंदौर के साथ ही अन्य शहरों की प्रयोगशालाओं में भी करीब 1,500 लोगों के नमूने कोरोना वायरस की जांच के लिये हाल ही में भेजे गये हैं.


इंदौर में 35 लोगों की मौत


जड़िया ने यह भी बताया कि शहर के मैरिज गार्डनों, होटलों और अन्य स्थानों पर बनाये गये पृथक केंद्रों में करीब 1,400 लोगों को रखा गया है, जबकि 500 व्यक्तियों को उनके घर में ही एकांत में रहने को कहा गया है.


इस बीच, प्रदेश कांग्रेस समिति के मीडिया विभाग के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा, "मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग करता हूं कि कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप के मद्देनजर वह अपना मुख्यालय भोपाल से इंदौर तुरंत स्थानांतरित करें."


उन्होंने कहा, "प्रदेश सरकार की कमियां निकालकर उसकी आलोचना करना हालांकि इस वक्त सही नहीं होगा. लेकिन मैं मानता हूं कि इंदौर में कोविड-19 की रोकथाम के लिये प्रदेश सरकार को और ज्यादा गंभीरता दिखानी चाहिये."


आधिकारिक जानकारी के मुताबिक शहर में मंगलवार दोपहर तक कोविड-19 के कुल 411 मरीजों की पहचान हुई है. इनमें से 35 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है. आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि शहर में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर पिछले कई दिन से राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले कहीं ज्यादा बनी हुई है.


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