मुंबई: जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे और जो लोग कोरोना संक्रमित लोगों से संपर्क में आए हैं उन्हें 14 दिनों के लिए क्वॉरन्टीन सेंटर्स में रखा जा रहा है. लेकिन मुंबई में ऐसे कई क्वॉरन्टीन सेंटर हैं जिनकी हालत खराब है. वहां रखे गए लोग असुविधा महसूस कर रहे हैं. क्वॉरन्टीन सेंटर्स में रह रहे ऐसे कुछ लोगों ने एबीपी न्यूज को वीडियो भेज कर अपनी आपबीती सुनाई है.


मुंबई महानगरपालिका ने हर वार्ड स्तर पर कई क्वॉरन्टीन सेंटर बनाए हैं. इस वक्त मुंबई में 90 हजार से ज्यादा लोग होम क्वॉरन्टीन हैं और छह हजार से ज्यादा लोग इंस्टीट्यूशनल क्वॉरन्टीन में हैं. यानी मुंबई महानगरपालिका की ओर से बनाये केंद्रों में उन्हें रखा गया है. इस तरह के केंद्रों को स्कूल, पब्लिक हॉल, होटल और अस्पतालों की मदद लेकर बनाया गया है. सैकड़ों लोगों को रखने के लिए कई बडे क्वारन्टीन सेंटर भी बनाए गए हैं. जैसे राजीव गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लैक्स, नेशनल स्पोर्ट्स सेंटर औफ इंडिया का परिसर इत्यादी.


जब भी कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसके घरवालों और संपर्क में आनेवाले लोगों को इस जैसे क्वॉरन्टीन सेंटर में रखा जाता है. कई क्वॉरन्टीन सेंटर का रखरखाव ठीक ढंग से हो रहे है लेकिन कइयों की हालत खस्ता है. उनमें रहने वाले लोगों को नर्क में रहने जैसा अहसास हो रहा है. कई लोगों ने एबीपी न्यूज को तस्वीरें भेजकर बताया है कि इमारतों में काफी गंदगी है. साफ सफाई नहीं की जा रही है. पलंग पर पड़े गद्दे और चादर धुले नहीं हैं. शौचालय साफ नहीं है. 20 लोगों के लिए एक या दो शौचलय हैं. पानी की कमी है और खाना भी सही नहीं मिल रहा है. मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इंतजाम नाकाफी साबित होते जा रहे हैं. मुंबई में शुक्रवार रात तक 4447 कोरोना के मरीज सामने आए हैं जिनमें से 178 लोगों की मौत हो गई.


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