लखनऊ: योगी सरकार ने प्रदेश में बेसहारा गोवंश की समस्या के समाधान के लिए 68 जनपदों में एक-एक गो-संरक्षण केंद्र की स्थापना किए जाने के लिए मानकों का निर्धारण कर दिया है और इसके लिए 34 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं.


शासन ने प्रत्येक गोवंश केंद्र के लिए 120 लाख प्रति जनपद की दर से कुल 8160 लाख रुपए का प्रावधान किया है, जिसके लिए पहली किश्त के रुप में 50.00 लाख रुपए प्रति जनपद की दर से कुल 34 करोड़ रुपए स्वीकृत करते हुए तत्काल 68 जनपदों के जिलाधिकारियों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.


प्रमुख सचिव पशुधन डॉ. सुधीर एम बोबड़े की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि निर्धारित न्यूनतम मानक के अनुसार और उससे बड़े मानक के गो-संरक्षण केद्रों की स्थापना जनपदों में की जाएगी. सरकार ने 68 जनपदों में बनाये जाने वाले गो-संरक्षण केदों के मानक निर्धारित कर दिए हैं, जिसके तहत प्रत्येक केद्र में अलग-अलग 4 गोवंश शेड जिनका कुल क्षेत्रफल 14,000 वर्ग फीट हो, 02 भूसा गोदाम, जिनका कुल क्षेत्रफल 2,000 वर्गफीट होना चाहिए.


कार्यालय, औषधि कक्ष, स्टोर-300 वर्गफीट और 06 कर्मचारी आवास एवं शौचालय, स्नानागार, जिनका कुल क्षेत्रफल-1,100 वर्गफीट होगा. चारा पानी के लिए 4 चरनियां, जिनका कुल क्षेत्रफल-800 वर्गफीट एवं शेडो के बाहर भी खुले में कुछ चरनियां, जिनका कुल क्षेत्रफल 5,400 वर्गफीट हो और जिन पर बाद में यथावश्यकता शेड बनाया जा सके. इसके अलावा पम्प हाउस का निर्माण, जिसमें उपर्युक्त क्षमता का सबमर्सिबल पम्प-सोलर वाटर पम्प स्थापित किया जाए. दस हजार क्षमता की पानी टंकिया स्थापित की जाए. साथ ही बाउंड्रीवाल और शेडों के पृथकीकरण के लिए बाड़ की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए.


आदेश में यह भी कहा गया है कि वृहद गो-संरक्षण केद्र का निर्माण ससमय पूर्ण कराए जाने एवं उसके उसको चलाने की पूरी जिम्मेदारी संबंधित जिलाधिकारी की होगी.