नई दिल्लीः आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को बीजेपी सांसद सीपी ठाकुर ने नसीहत दी है कि पहले वो मंत्री पद छोड़ें इसके बाद विपक्षी नेताओं से बातचीत करें. दरअसल आरएलएसपी प्रमुख व केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा इन दिनों एनडीए नेताओं के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. इतना ही नहीं, इस दौरान उन्होंने शरद यादव व तेजस्वी यादव से मुलाकात भी की है. कुशवाहा के बागी तेवर पर बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि कुशवाहा पहले मंत्री पद से इस्तीफा दें, उसके बाद विपक्षी दल के नेताओं से मुलाकात करें.

इस मुद्दे पर रालोसपा प्रवक्ता सतेंद्र कुमार ने कहा कि राजनीति में व्यक्तिगत संबंध अलग होते हैं, कोई भी किसी से मिल सकता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सीपी ठाकुर ने पहले बयान दिया था कि अगर आरएलएसपी बीजेपी से अलग होती है तो इससे बीजेपी को नुकसान हो सकता है. अभी हो सकता है कि सीपी ठाकुर को बीजेपी के कुछ नेताओं ने दबाव दिया होगा तो ऐसा बयान दे रहे हैं.

अभी कुछ दिन पहले ही कुशवाहा का कांग्रेस प्रेम भी उजागर हुआ था, जब उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर ट्वीट किया था. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि आयरन लेडी इंदिरा गांधी की जयंती पर नमन. जिन लोगों ने उन्हें कम में आंका, उसे उन्होंने परास्त कर दिया. अपने इस ट्वीट में उन्होंने इंदिरा गांधी को अपना रोल मॉडल भी बताया था.उनके इस ट्वीट को कांग्रेस व महागठबंधन से नजदीकी के तौर पर देखा जा रहा है.

इसके अलावा उन्होंने एक अन्य ट्वीट के जरिये सुशील मोदी पर निशाना साधा था. दरअसल सुशील मोदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की प्रशंसा करते हुए ट्वीट किया था कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता नरेंद्र भाई मोदी की विश्वसनीयता और गरीबों, दलितों-पिछड़ों-अति पिछड़ों के विकास में उनकी गहरी दिलचस्पी को देखकर 2014 में जनता ने एनडीए को भारी सफलता दिलाई. सभी घटक दलों ने मिलकर जनता की सेवा करते हुए देश को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार दी, लेकिन कुछ लोगों को अपने बारे में इतनी गलतफहमी हो गई है कि वे लगातार गठबंधन धर्म के विपरीत आचरण कर महागठबंधन के चार्जशीटेड नेताओं तक से मेल-मिलाप में लगे हैं. सुशील मोदी का इशारा सीधा-सीधा उपेंद्र कुशवाहा पर ही था.

उनके इस ट्वीट का जवाब देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने लिखा था कि महोदय, बिलकुल सच कहा आपने, हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने तो देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की हर संभव कोशिश की. मगर, जरा, सृजन घोटाले पर भी तो कुछ बोलिए? इसके अलावा उनकी पार्टी के लोग भी लगातार ही एनडीए के खिलाफ कुछ न कुछ बोल रहे हैं.

जो भी हो लेकिन इतना तो तय लग रहा है कि बीजेपी और आरएलएसपी की दोस्ती अब ज्यादा दिन नहीं टिकेगी. आरएलएसपी नेताओं की खासकर उपेंद्र कुशवाहा की नीतीश कुमार व सुशील मोदी के खिलाफ बयानबाजी इसके साफ संकेत दे रही है. ऐसा लग रहा है कि अलग होने की मात्र औपचारिकता ही शेष है.

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