Lok Sabha Election 2019: सीपीआई ने बुधवार को बेगूसराय के अपने उम्मीदवार कन्हैया कुमार को समाज के सभी वर्गों का समर्थन मिलने का दावा करते किया है. इसके साथ ही तेजस्वी प्रसाद यादव से बीजेपी की हार और कन्हैया की निर्णायक जीत में मदद करने के लिए पार्टी उम्मीदवार तनवीर हसन को चुनावी मैदान से हटा लेने की अपील की.
सीपीआई महासचिव सुधाकर रेड्डी ने आज कहा कि आरजेडी उम्मीदवार 2014 में दूसरे स्थान पर रहे तनवीर हसन के इस बार तीसरे स्थान पर रहने की संभावना है. इसलिए वह तेजस्वी से आग्रह करते हैं कि वह हसन के चुनावी मैदान से हट जाने (रिटायर हो जाने) की अपील पर विचार करें. ऐसी चर्चा है कि आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने शुरू में कन्हैया का समर्थन करने के बारे में सोचा था लेकिन बाद में उनके छोटे बेटे तेजस्वी ने अपनी पार्टी के अन्य नेताओं के कहने पर बेगूसराय से तनीवर हसन को अपनी पार्टी का टिकट दे दिया था.
सुधाकर रेड्डी ने कहा कि केंद्र में सत्तासीन बीजेपी ने अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान जिस प्रकार से देश का नुकसान किया और संप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ा है. संवैधानिक संस्थानों की गरिमा गिरायी है ऐसे में वामदल केंद्र में एक गैर एनडीए सरकार के गठन के लिए प्रतिबद्ध है. सीपीआई नेता ने कहा, "यह चिंताजनक है कि वे शासन के मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि पुलवामा आतंकी हमले, पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई आदि की लगातार बात कर चुनाव जीतने की कोशिश कर रहे हैं."
सीपीआई ने कहा कि हमें इस बात का खेद है कि बिहार में महागठबंधन के साथ हमारा तालमेल नहीं हो सका फिर भी, हमने अपने उम्मीदवारों को केवल कुछ ही सीटों पर मैदान में उतारने का फैसला किया और चार सीटों पर भाकपा माले, एक सीट पर सीपीआई और प्रदेश की बाकी सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों का समर्थन करने का निर्णय लिया है. हम तेजस्वी से बेगूसराय की सीट के लिए हमारी अपील पर विचार करने का आग्रह कर रहे हैं.
सुधाकर रेड्डी ने स्पष्ट किया, “हमें हसन के साथ कोई समस्या नहीं है. हमारी लड़ाई उनके खिलाफ नहीं है. न ही हम उन्हें राजनीति से ही संन्यास लेने के लिए कह रहे हैं. वह भविष्य के किसी भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा सकते हैं. लेकिन इस बार कन्हैया के पक्ष में कांग्रेस सहित अन्य धर्मनिरपेक्ष दलों के नेता हैं और उसके लिए प्रचार कर रहे हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या कन्हैया को अपनी ही जाति के लोगों का समर्थन मिल रहा है, जिसमें गिरिराज सिंह भी शामिल हैं, रेड्डी ने कहा कि सीपीआई जाति और धार्मिक समूहों के आधार पर विचार नहीं करता और हमें समाज के सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है. लोकसभा चुनाव 2019 में सीपीआई की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर रेड्डी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इसबार 2014 की तुलना में अधिक उम्मीदवार जीतकर लोकसभा पहुंचेंगे.