मेरठ: फर्जी मार्कशीट लगाकर पंजाब पुलिस में डिप्टी एसपी बनने की चाहत रखने वाली क्रिकेटर हरमनप्रीत कौर अब कॉन्सटेबल रह जाएंगी. हरमनप्रीत ने नौकरी के लिए मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की डिग्री इस्तेमाल की थी. सीसीएसयू के अभिलेखों में इस मार्कशीट का रिकॉर्ड नहीं मिला. मार्कशीट फर्जी साबित होने के बाद हरमनप्रीत कौर की शैक्षिक योग्यता केवल पुलिस कांस्टेबल बनने लायक रह गयी है.


मेरठ के चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय को 13 मार्च 2018 को पंजाब पुलिस की ओर से बीए की मार्कशीट के सत्यापन का अनुरोध मिला था. विश्वविद्यालय में इस मार्कशीट का रिकॉर्ड नहीं मिला और यह रिपोर्ट पंजाब पुलिस को भेज दी गई.


यह मार्कशीट भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऑलराउंडर स्टार खिलाड़ी और टी-20 की कप्तान हरमनप्रीत कौर की है, यह खुलासा तब हुआ जब पंजाब पुलिस का संदेशवाहक पहले सत्यापित की गयी मार्कशीट को दोबारा 3 अप्रैल 2018 को विश्वविद्यालय लेकर आया.


विश्वविद्यालय प्रशासन ने दोबारा भी अभिलेखों में मार्कशीट का रिकॉर्ड न होने की जानकारी पंजाब पुलिस को 8 अप्रैल को भेज दी थी.



हरमनप्रीत कौर का मामला क्या है?


भारतीय महिला क्रिकेट में ऑलराउडंर हरमनप्रीत के बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें साल 2017 में अर्जुन अवार्ड से राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था. पंजाब के मोगा जिले की इस खिलाड़ी को पंजाब पुलिस ने डिप्टी एसपी बना दिया. बाद में हरमनप्रीत से कागजी औपचारिकताऐं पूरी करने के लिए आवेदन मांगा गया. इस आवेदन में हरमनप्रीत कौर ने अपनी बीए की मार्कशीट लगाई थी. चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय मेरठ से जारी दिखाई गयी यही मार्कशीट फर्जी निकली है.



मेरठ में कब की पढ़ाई?


सत्यापन के लिए भेजी गयी बीए फाइनल ईअर की मार्कशीट में कैन्डीडेट का नाम हरमनप्रीत कौर, पिता का नाम हरमिन्दर सिंह और माता का नाम सतपॉल कौर लिखा है. 2011 में जारी इस डिग्री के मुताबिक हरमनप्रीत कौर ने मेरठ के प्रतिष्ठित मेरठ कालेज में पढ़ाई की है. हरमनप्रीत ने भारतीय संस्कृति, अंग्रेजी, समाजशास्त्र और राजनीतिशास्त्र विषयों से पढ़ाई की और कुल 1200 में से 758 अंक हासिल किये. यह प्रथम श्रेणी के अंक है.



विश्वविद्यालय ने क्यों नहीं की कार्रवाई?


विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ज्ञानप्रकाश श्रीवास्तव के अनुसार पंजाब पुलिस ने उनसे मार्कशीट के सत्यापन के लिए कहा था. सत्यापन करके दो बार भेजा जा चुका है. चूँकि आवेदन पंजाब पुलिस के पास है इसलिए इस मामले में कार्रवाई की जिम्मेवारी भी पंजाब पुलिस को करनी है. फर्जी मार्कशीट बनाने का अपराध विश्वविद्यालय में नहीं हुआ है.



तो क्या पुलिस कांस्टेबल रह जायेगी हरमनप्रीत कौर?


हरमनप्रीत कौर पंजाब पुलिस में डिप्टी एसपी बनने से पहले भारतीय रेलवे में नौकरी कर रही थीं. सूत्रों की मानें तो इस नौकरी में भी उन्होने यही मार्कशीट इस्तैमाल की है. आईपीसी के मुताबिक हरमनप्रीत कौर के खिलाफ धारा 420, 467, 468 के अन्तर्गत अपराध बनता है. मगर पंजाब प्रदेश की स्टार क्रिकेटर होने की वजह से पुलिस हरमनप्रीत कौर पर मेहरबानी बनाये हुए है. पुलिस अगर कोई कार्रवाई नहीं भी करती है और सरकार अगर हरमनप्रीत कौर को अब भी नौकरी देना चाहे तो उनकी शैक्षिक योग्यता पंजाब पुलिस में कांस्टेबल बनने लायक रह गयी है. कांस्टेबल के लिए 12वीं पास होना जरूरी है.