लखनऊ: राज्यसभा चुनाव को लेकर यूपी में काफी गहमागहमी है और इसी वजह से सपा, बसपा, बीजेपी और कांग्रेस में बैठकों का दौर जारी है. दरअसल चुनाव में क्रॉस वोटिंग की आशंका सभी दलों को हैं लिहाजा सभी जी-तोड़ कोशिशों में जुटे हैं. इस बार यूपी कोटे से राज्य सभा के 10 सांसद चुने जाएंगे. सबसे अधिक दारोमदार अखिलेश यादव पर है क्योंकि उन पर सपा उम्मीदवार के साथ-साथ बसपा उम्मीदवार को भी राज्यसभा पहुंचाने की जिम्मेदारी है. गौरतलब है कि उपचुनावों में बसपा ने सपा का साथ दिया था और बदले में सपा को राज्यसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार भीमराव अम्बेडकर की मदद करनी है.


हालांकि जानकार बताते हैं कि मायावती जीत के लिए खुद बहुत आश्वस्त नहीं थीं लिहाजा उन्होंने खुद राज्यसभा का रण लड़ने की बजाय भीमराव अम्बेडकर को उम्मीदवार बनाया. दांव अगर सही पड़ा तो भीमराव अम्बेडकर राज्यसभा पहुंच जाएंगे लेकिन अगर क्रॉस वोटिंग होती है तो मुश्किलें पैदा हो सकती हैं.


ऐसा नहीं है कि क्रॉस वोटिंग की आशंका केवल बसपा और सपा को ही है. भाजपा को भी क्रॉस वोटिंग की आशंका है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी के सभी विधायकों को अपने घर खाने पर बुलाया था ताकि सभी के दिलों को टटोला जा सके. अमित शाह से मुलाकात के बाद सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी इस दावत में शरीक हुए. इससे पहले वे बीजेपी से नाराज थे. बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल के सभी 9 एमएलए, हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए नरेश अग्रवाल के विधायक बेटे नितिन भी, निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी और विजय मिश्र भी दावत में पहुंचे.


अखिलेश यादव ने भी अपने सहयोगियों और विधायकों के लिए डिनर रखा था. इस डिनर में सपा विधायकों के अलावा निर्दलीय विधायक राजा भैया और विनोद सरोज भी पहुंचे थे. सपा के पास 47 विधायक हैं. जया बच्चन की जीत के लिए जरूरी 37 वोट के बाद पार्टी के पास 10 वोट बचते हैं. बीएसपी के 19, कांग्रेस के 7 और आरएलडी के एक विधायक हैं. इन सबको जोड़ने पर 35 वोट होते हैं. इसमें अगर राजा भैया और विनोद सरोज का वोट जोड़ दें तो आँकड़ा 37 तक पहुंच जाता है. इस दांव के मुताबिक बीएसपी के उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर की जीत तय है.



आंकडे समझिए


राज्यसभा के लिए यूपी से बीजेपी ने 9, एसपी और बीएसपी ने एक-एक उम्मीदवार उतारा है. 324 विधायकों वाली बीजेपी 8 सीट तो आसानी से जीत जाएगी. एक सांसद के लिए 37 विधायकों के वोट की जरुरत है. अरूण जेटली और अनिल जैन समेत बीजेपी के आठों उम्मीदवार आसानी से जीत जायेंगे. इसके बाद पार्टी के पास 28 विधायकों के वोट बचते हैं. जीतने के लिए 37 वोट चाहिए. नितिन और दो निर्दलीय एमएलए अमनमणि और विजय मिश्र को जोड़ दें तो संख्या 31 तक पहुंच जाती है.


सपा उम्मीदवार जया बच्चन की भी सीट निकल जाएगी. जबकि बीएसपी की भी एक निकलने के आसार बन गए हैं. बीएसपी के उम्मीदवार भीमराव अम्बेडकर (बसपा के 19 + राजा भैया और विनोद सरोज का एक-एक वोट + 1 आरएलडी+कांग्रेस के 9 और 7 वोट सपा) को कुल 38 वोट मिलने की उम्मीद है.


क्रॉस वोटिंग बिगाड़ देगी खेल?


खबर है कि बीजेपी ने लखनऊ के पड़ोसी जिले के एक बीएसपी एमएलए को मैनेज किया है. दिल्ली से सटे इलाके के एक और बीएसपी एमएलए भी पाला बदल सकते हैं. कांग्रेस नेता इमरान मसूद का दावा है कि उनकी पार्टी के सभी विधायक साथ हैं. लेकिन अगर बीएसपी और बीजेपी के अनिल अग्रवाल को 36-36 वोट मिलते हैं. तो फिर गिनती दूसरी वरीयता के वोटों की होगी. ऐसे हालात में भी बीजेपी की जीत पक्की है. गोरखपुर और फूलपुर के लोकसभा उप चुनाव में जीत के बाद से ही बीएसपी और एसपी कैंप के हौसले बुलंद हैं. वहीं बीजेपी हर हाल में जीतने की जुगाड़ में जुटी है. जेल में बंद बीएसपी नेता मुख्तार अंसारी की वोटिंग को लेकर बुधवार तक सस्पेंस बना हुआ था. इस बीच चुनाव आयोग ने मुख्तार अंसारी को वोटिंग की इजाजत दे दी है.