कासगंज: यूपी के कासगंज में दलित युवक की बारात का मुद्दा गर्माता ही जा रहा है. दलित दूल्हे संजय जाटव ने इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट जाने का इशारा किया है. संजय का कहना है कि अगर पुलिस और प्रशासन ने उसे कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं दिया तो दलित समाज उच्च जातियों की बारात को भी अपने इलाके से गुजरने नहीं देगा.
टीओआई के मुताबिक शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बारात रूट को लेकर कोर्ट के हस्तक्षेप करने संबंधी संजय की याचिका खारिज कर दी थी. याचिका में बारात को कासगंज के निजामपुर गांव के ठाकुर इलाके से गुजरने की अनुमति देने की बात कही गई थी. संजय की शादी 20 अप्रैल को होनी है.
संजय और उसकी मंगेतर शीतल का दावा है कि गांव में उच्च जाति के लोगों ने उन्हें धमकाया और बारात के दौरान गांव में घोड़े चढ़ने की इजाजत देने से इनकार कर दिया. बता दें कि गांव में केवल 50 घर दलितों के हैं बाकि 300 से अधिक उच्च जाति के परिवार यहां रहते हैं.
बता दें कि संजय हाथरस के बसई बावास गांव के एक ब्लॉक-स्तर पंचायत सदस्य हैं. संजय ने कहा कि 'मैंने इस संबंध में कासगंज के डीएम आरपी सिंह को वैकल्पिक रास्तों का प्रस्ताव दिया है. देश के अन्य नागरिकों की ही तरह मुझे भी धूमधाम से शादी करने का अधिकार है. मैं अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाऊंगा.'
बता दें कि पुलिस ने दलित दूल्हे संजय की शादी की बारात उच्च जाति के लोगों के इलाके से ले जाने पर रोक लगा दी है. पुलिस का कहना है कि यदि ऐसा किया गया तो इस इलाके में जाति हिंसा भड़क सकती है. कासगंज शहर हाल ही में हुई हिंसा की वजह से खबरों रहा था.