मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भगवान हनुमान के दलित होने का कथित दावा किए जाने के कुछ दिनों बाद रविवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा कि दलित समुदाय के लोगों को देश भर के हनुमान मंदिरों की कमान अपने हाथ में लेकर वहां पुजारियों के तौर पर दलितों की नियुक्ति करनी चाहिए.


आदित्यनाथ ने मंगलवार को राजस्थान के अलवर जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कथित तौर पर कहा था, ‘‘हनुमान वनवासी, वंचित और दलित थे. बजरंग बली ने उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक सभी भारतीय समुदायों को एकजुट करने का काम किया.’’


बीजेपी नेता की इस टिप्पणी पर चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘दलितों को देश के सभी हनुमान मंदिरों की कमान अपने हाथ में ले लेनी चाहिए और उन मंदिरों में दलितों को पुजारी नियुक्त करना चाहिए.’’


हनुमान को दलित बताने पर राजस्थान के एक दक्षिणपंथी संगठन ने आदित्यनाथ को कानूनी नोटिस भेजकर कहा है कि वह अपने बयान पर माफी मांगें. पिछले हफ्ते राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने दावा किया था कि भगवान हनुमान आदिवासी थे.


बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर अपनी राय रखते हुए कहा है कि जिन्हें धर्म के मर्म की जानकारी नहीं है, वह भी हर बात को संकीर्णता के दायरे में लाकर सोचते हैं और बाल की खाल निकालने का काम करते हैं. उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि किसी के काम पर उंगली उठाना आसान होता है, लेकिन अगर दूसरों पर उंगली उठाने के बजाय हर कोई अपनी ज़िम्मेदारी निभाने लगे तो यह धरती दिव्यलोक बन सकती है. सीएम योगी ने इशारों में अपनी नाराज़गी जताते हुए कहा कि अगर लोग दूसरों की कमियां खोजने के बजाय उनकी गलतियों से सबक लें तो देश की तस्वीर बदल सकती है.