दरभंगा: बिहार में चमकी बुखार से लगातार हो रही बच्चों की मौत से स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से ही कटघरे में है. अब दरभंगा से एक ऐसी खबर आई है जो राज्य की मेडिकल व्यवस्था की बदहाली की तस्वीर पेश करती है. दरभंगा के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डीएमसीएच में डॉक्टर ने लापरवाही दिखाते हुए बच्चे के टूटे हुए बाएं हाथ में प्लास्टर करने की बजाय दाहिने हाथ में प्लास्टर कर दिया. बाद में अस्पताल अधीक्षक ने गलती मान ली.


दरअसल, हनुमान नगर के रहने वाला फैजान नाम का एक बच्चा आम की पेड़ से गिर गया. इससे उसके बांए हाथ की हड्डी टूट गयी. इलाज के लिए घरवाले बच्चे को डीएमसीएच ले गए. एक्स-रे में पाया गया कि बच्चे के बाएं हाथ में फ्रैक्चर है. लेकिन डॉक्टर ने बांए हाथ की जगह दाएं हाथ में प्लास्टर कर दिया. आश्चर्य की बात यह है कि बच्चे ने प्लास्टर होने के दौरान भी ये बताया लेकिन उसकी बातों को डॉक्टर ने अनसुना कर दिया. जबकि प्रिस्क्रिप्शन में भी बाएं हाथ में फ्रैक्चर लिखा हुआ था.


बच्चे के घरवालों ने जब ये देखा तो इसकी शिकायत डीएमसीएस के अधीकक्ष डॉ रंजन प्रसाद से की. उन्होंने बच्चे की पूरी रिपोर्ट देखी और कैमरे पर यह माना कि गलती हुई है. उन्होंने इस गलती की जिम्मेदारी खुद के ऊपर लेते हुए स्पष्टीकण मांगा है. उन्होंने भरोसा दिया कि जिस लेवल पर लापरवाही हुई होगी उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. रंजन प्रसाद ने ये भी कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने भी इसको लेकर जवाब मांगा है.