पटना: बीते रोज खबर आई थी कि दरभंगा जिले के सदर थाना क्षेत्र के एनएच 57 पर सड़क निर्माण कंपनी के मालिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई. घर से दफ्तर जा रहे कुशेस प्रसाद शाही जब अपनी गाड़ी से रानीपुर के पास से गुजर रहे थे तभी बाइक सवार अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी. उन्हें घायल अवस्था में दरभंगा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक की हत्या की जांच के लिए एसडीपीओ सदर अनोज कुमार के नेतृत्व में एसआईटी बनाई गई है.
इस मामले में डीएसपी अनोज कुमार के मुताबिक हत्या के पीछे किसी भी तरह की पुरानी रंजिश नहीं है. ये संभवतः पारिवारिक विवाद के चलते हुआ है, जबकि परिवार वालों का कहना है कि कुशेष शाही को मारने के लिए पहले भी सुपारी दी गई थी. कुशेष शाही के बड़े भाई दिवाकर प्रसाद ने बताया कि 7-8 महीने पहले कुशेष शाही की दूसरी पत्नी जब अपने मायके गई थी उस दौरान उनका अपहरण किया गया था. अपहरण का आरोप सीतामढ़ी के रैनशंकर गांव के नीरज मुखिया पर लगा था और लड़की के पिता ने इसकी शिकायत स्थानीय थाने में की थी. हालांकि कुछ दिन बाद वो बरामद हो गई थी और वापस ससुराल आ गई थी लेकिन इसके बाद कुशेष शाही को जान से मारने की धमकी मिली थी.
कुशेष शाही के बड़े भाई दिवाकर ने बताया कि कुशेष ने उन्हें जानकारी दी थी कि नीरज मुखिया ने उन्हें मारने के लिए किसी को 5 लाख रुपए की सुपारी दी है, हालांकि इसकी कोई भी लिखित शिकायत नहीं कराई. चूंकि कुशेष का पुलिस अधिकारियों के साथ उठना-बैठना था इसलिए इसकी मौखिक जानकारी दी थी. दिवाकर प्रसाद के मुताबिक कुशेष की दूसरी शादी जिस लड़की से हुई थी उसकी वजह से ही नीरज मुखिया गुस्से में था.
दरअसल कुशेष शाही की दो शादियां की हुई थीं, पहली पत्नी से कोई बच्चा नहीं था इसलिए कुशेष ने करीब साल भर पहले दूसरी शादी की थी. दोनों ही पत्नियां कुशेष के साथ घर पर ही रहती थीं. कुशेष शाही के भाई और बहनोई के मुताबिक दोनों पत्नियों में किसी तरह का कोई विवाद नहीं था और दोनों हंसी-खुशी साथ रहा करती थीं. कुशेष की मौत के बाद दोनों ही पत्नियों का रो-रोकर बुरा हाल है और कोई भी फिलहाल बात करने की स्थिति में नहीं है.
कुशेष के बहनोई प्रमोद सिंह का कहना है कि पुलिस खुद बचने के लिए उल्टी बयानबाजी कर रही है. वो मामले को पारिवारिक विवाद का रंग देना चाह रही है, जबकि परिवार में ऐसा कुछ भी नहीं है. परिवार की मांग है कि पुलिस परिवार को बरगलाने की बजाय दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे. दिवाकर प्रसाद का कहना है कि उनको जिसपर शक था उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी है, उसकी सच्चाई का पता लगाना पुलिस का काम है.
बिहार: NDA में 'जुड़वा भाई' के फॉर्मूले पर बंटी सीटें, BJP-JDU 17, LJP-6, राज्यसभा जाएंगे पासवान
वहीं इस मामले में एक और कहानी सामने आई है जिसके मुताबिक शादी के बाद शाही की दूसरी पत्नी पहली बार 22 फरबरी को मायके गई थी. जहां से वो 28 फरबरी को गुम हो गई थी. जिसके खिलाफ शाही के ससुर शिव कुमार ठाकुर ने अपहरण की प्राथमिकी सीतामढी के रुन्निसैद्पुर थाने मे 2 मार्च को दर्ज कराई थी जिसमे नीरज मुखिया, प्रभाकर कुमार और छोटे सिंह को नामजद किया था. 12 मार्च को कुशेष शाही के दूसरी पत्नी ने सदर डीसपी के यहां आकर तीनों आरोपी पर लगे आरोप को झूठा बताया और कहा कि मैं खुद नेपाल घूमने गयी थी. हालांकि सीतामढी पुलिस का कहना है अभी इस मामले पर जांच चल रही है.
यह भी देखें: