नई दिल्लीः बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी है और अब तक इस बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 73 हो गई है. कल ही एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम यानि एईएस से मरने वाले बच्चों की संख्या 10 तक पहुंच गई. जिला प्रशासन ने मृत बच्चों की संख्या के आंकड़े जारी किए हैं.


वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन आज बिहार पहुंच चुके हैं. वो बिहार में एक्यूट इंसिफेलाइटिस सिंड्रोम या चमकी बुखार के बढ़ रहे मामलों की जानकारी लेने और मौजूदा हालात की समीक्षा करने के लिए आए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे.


जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पटना एयरपोर्ट पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का जमकर विरोध किया. आज डॉ हर्षवर्धन मुज़फ़्फ़रपुर में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों से मिलने और अस्पताल का जायज़ा लेने दिल्ली से पटना आए. पटना एयरपोर्ट पर जन अधिकार पार्टी के समर्थकों ने नारे लगाए और मंत्री के काफिले को रोक दिया. हालांकि थोड़ी ही देर में पुलिस ने समर्थकों को समझाकर गाड़ी को निकाल दिया.


इस बीमारी का सबसे ज्यादा असर मुजफ्फरपुर जिले में हुआ है और इसीलिए डॉ हर्षवर्धन मुजफ्फरपुर जाएंगे. उनके इस दौरे के दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.


इससे पहले कल बिहार के स्वास्थ्य मंत्री ने चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों को लेकर बेतुका बयान दे डाला. बच्चों की मौत से बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि बच्चों की मौत के लिए नियति और मौसम जिम्मेदार है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे 14 जून को मुजफ्फरपुर में श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल में मरीजों का हालचाल जानने गए थे.


क्या है चमकी बुखार
एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) और जेई (जापानी इंसेफलाइटिस) को उत्तरी बिहार में चमकी बुखार के नाम से जाना जाता है. इससे पीड़ित बच्चों को तेज बुखार आता है और शरीर में ऐंठन होती है. इसके बाद बच्चे बेहोश हो जाते हैं. मरीज को उलटी आने और चिड़चिड़ेपन की शिकायत भी रहती है.


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