दिल्ली की एक अदालत ने दक्षिणी दिल्ली में पिछले महीने एक डॉक्टर की खुदकुशी के मामले में रविवार 10 मई को आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जरवाल को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट नीतिका कपूर ने देवली से AAP विधायक जरवाल और मामले में एक अन्य आरोपी कपिल नागर को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की पुलिस की याचिका को मंजूर कर लिया.


अदालत ने कहा कि आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ किया जाना जरूरी है. जज ने कहा, “जांच शुरुआती चरण में है और आरोपियों से जबरन वसूली के दस्तावेजों की बरामदगी और टैंकर माफिया की भूमिका सुनिश्चित होनी अभी बाकी है.” हालांकि दिल्ली पुलिस ने अपनी याचिका में आरोपियों की 10 दिन की हिरासत मांगी थी, जिसे अदालत ने अस्वीकार किया.


AAP विधायक की तरफ से पेश हुए वकील इरशाद ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में नेता को जानबूझ कर फंसाया गया है और जब भी जरूरत हो, बुलाए जाने पर वह पुलिस का सहयोग करने के लिये तैयार हैं. इस मामले में अदालत ने जरवाल और नागर के खिलाफ 8 मई को गैर जमानती वारंट जारी किया था. दोनों आरोपियों को शनिवार 9 मई को गिरफ्तार किया गया था.


सूसाइड नोट में विधायक पर लगाया था आरोप
दिल्ली के दुर्गा विहार में 18 अप्रैल को 52 वर्षीय डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी और सुसाइड नोट में जरवाल को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था. इसके बाद पुलिस ने विधायक के खिलाफ जबरन वसूली और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था.


सिंह के बेटे हेमंत ने पुलिस ने बताया कि उनके पिता 2007 से इलाके में एक क्लीनिक चलाते थे और दिल्ली जल बोर्ड के साथ जल आपूर्ति के व्यवसाय से भी जुड़े थे. पुलिस ने बताया कि डॉक्टर के घर से एक सुसाइड नोट मिला था जिसमें लिखा था कि AAP विधायक जरवाल उनकी मौत के जिम्मेदार हैं.


अधिकारियों ने कहा कि हेमंत की शिकायत पर जरवाल, कपिल नागर और अन्य के खिलाफ जबरन धन वसूली और आत्महत्या के लिये उकसाने के आरोप में नेब सराय थाने में मामले दर्ज किये गए थे.


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