नई दिल्ली: दिल्ली के फाइव स्टार होटल में सरेआम हथियार लहराने वाले आशीष की आखिरी लोकेशन यूपी के बस्ती और गोंडा में मिली है. कयास लगाए जा रहे हैं कि वो नेपाल भाग सकता है. लिहाजा नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, साथ ही एयरपोर्ट्स को भी अलर्ट कर दिया गया है. आशीष के साथ घटना के वक्त जो लड़कियां थीं वो विदेश लौट गई हैं.
दिल्ली के पांच सितारा होटल में हथियार लहराने पर बीएसपी के पूर्व सांसद के बेटे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. हथियार लहराने के वीडियो का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. आरोपी आशीष पांडेय लखनऊ का रहने वाला है और बीएसपी के पूर्व सांसद राकेश पांडेय का बेटा है. उसका भाई रितेश पांडेय उत्तर प्रदेश से वर्तमान में विधायक है.
दिल्ली पुलिस ने बताया कि शस्त्र कानून और IPC की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसमें आघात पहुंचाने (323), आपराधिक धमकी देने (506) और महिला का शील भंग करने के उद्देश्य से बल प्रयोग करने (354) की धाराएं भी शामिल हैं. पुलिस ने कहा कि शुरू में शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था और IPC की धाराओं को बाद में जोड़ा गया. उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बारे में उत्तरप्रदेश पुलिस से भी संपर्क किया है.
संयुक्त पुलिस आयुक्त (नयी दिल्ली) अजय चौधरी ने कहा," पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. हम उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ समन्वय कर रहे हैं और टीम उसकी तलाश कर रही है. वीडियो के आधार पर हमने संबंधित धाराएं जोड़ी हैं. उसके लिए लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है."
घटना की जांच के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की एक टीम मंगलवार को लखनऊ पहुंची. डीआईजी (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने कहा,"मामले की जांच के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की टीम यहां पहुंची है और उत्तर प्रदेश पुलिस पूरा सहयोग कर रही है."
पुलिस ने मंगलवार को बताया कि आरके पुरम के हयात रिजेंसी होटल के सहायक सुरक्षा प्रबंधक ने सोमवार को पुलिस में इस घटना को लेकर एक शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया. दिल्ली में हयात रिजेंसी ने कहा कि वह घटना को गंभीरता से ले रहा है और जांच में वह अधिकारियों से सहयोग करेगा.
घटना पर राजनीति
घटना को लेकर आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर निशाना साधा. दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन आती है. पार्टी प्रवक्ता दिलीप पांडेय ने कहा कि भाजपा शासित केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए कि उसका व्यवस्था पर नियंत्रण क्यों नहीं है जिस पर वह उपराज्यपाल के माध्यम से नियंत्रण करती है. उन्होंने पूछा कि महानगर में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए पुलिस क्या कदम उठा रही है?
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख मनोज तिवारी ने कहा कि घटना का साक्ष्य सीसीटीवी फुटेज के तौर पर मौजूद है और उपयुक्त कार्रवाई के लिए उचित जांच की जानी चाहिए. गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने बताया कि मामले में कार्रवाई शुरू कर दी गई है. मंत्री ने ट्वीट किया,"मीडिया में भी नजर आ रही इस घटना पर दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है. शस्त्र अधिनियम और IPC के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. सख्त और उचित कार्रवाई की जाएगी. अन्य लोगों की भी पहचान की जा रही है."
इस बीच बीएसपी ने खुद को विवाद से अलग बताया है. पार्टी नेता सुधीन्द्र भदौरिया ने कहा,"आशीष पांडेय न तो बीएसपी का नेता है न ही सदस्य. कानून-व्यवस्था की पूरी प्रणाली मौजूद है और कानून तोड़ने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए."
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने भी घटना के बाद महानगर में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई. उन्होंने बताया कि यह घटना 14 अक्टूबर को पौ फटने से पहले हुई.
पीड़ित का पक्ष
पीड़ित ने बताया कि पिस्तौल लिये व्यक्ति उसके पास आया और उसे अपशब्द कहे. पीड़ित ने दावा किया,"पिस्तौल लिए एक व्यक्ति ने मुझे अपशब्द कहे और धमकी देकर चला गया. मैं भयभीत हो गया और डर गया. होटल के कर्मचारी घटनास्थल पर मौजूद थे. उन्होंने हस्तक्षेप का प्रयास किया लेकिन ऐसा नहीं कर पाए क्योंकि वे भी डर गये थे."
पूर्व कांग्रेस विधायक कंवर करण सिंह ने कहा कि उनके बेटे को पांडेय ने पिस्तौल दिखाई जो घटना के बाद से सदमे में है और इसिलए उसने पुलिस को सूचित नहीं किया. सिंह ने कहा कि उनके बेटे ने पुलिस में बयान दर्ज कराया है और परिवार को कानून पर पूरा भरोसा है.
ये था मामला
पुलिस ने कहा कि होटल के सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि होटल के नाईटक्लब में आरोपी और पीड़ित पार्टी कर रहे थे और शौचालय के इस्तेमाल को लेकर उनमें बहस हो गई. वे शौचालय से बाहर निकले और उनमें बहस जारी रही जिसके बाद पांडेय ने अपनी बीएमडब्ल्यू कार से पिस्तौल निकाल कर दूसरे पक्ष को धमकाया.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आरोपी के साथ एक महिला ने भी पीड़ितों को धमकाया. उन्होंने कहा कि संदेह है कि घटना में संलिप्त दोनों पक्ष शराब के नशे में थे. जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया,"किसी भी पक्ष या होटल के अधिकारियों ने भी पीसीआर को फोन नहीं किया. यह होटल की तरफ से लापरवाही है क्योंकि कोई बड़ी घटना भी हो सकती थी."