नई दिल्ली:  फाइव स्टार होटल हयात में हथियार लहराने और लोगों को धमकाने का आरोपी आशीष पांडे को दिल्ली की पटियाला हाई कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र सिंह ने आरोपी को पांच नवंबर तक के लिए जेल भेज दिया. इससे पहले आशीष ने पटियाला हाउस कोर्ट में समर्पण किया था जहां उसे एक दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया था. हालांकि पुलिस ने पहले ही ज्यादा दिनों की रिमांड मांगी था लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था.


खास बात ये है कि आशीष पांडे की तरफ से आज कोर्ट में जमानत की अर्जी नहीं लगाई गई थी.


इससे पहले, 19 अक्टूबर को हुई सुनवाई में आशीष के वकील ने उनके पक्ष में तमाम दलीलें दी थी. उन्होंने कहा था, किसी ने भी धमकाने की शिकायत दर्ज नहीं कराई थी. जिन लोगों को धमकाए जाने का आरोप है, उन्होंने घटना के बाद आराम से डिनर किया. अगर वो डरे होते तो पुलिस को बुलाते, न कि खाना खाते. ये आईपीसी की धारा 506 यानी धमकी का मामला नहीं बनता. पुलिस ने वीडियो सामने आने के बाद अपनी सक्रियता दिखाने के लिए केस बनाया है.


आशीष के वकील हरिहरन ने कहा था, जिस हथियार के इस्तेमाल का आरोप है उसे बरामद कर लिया गया है. वो लाइसेंसी हथियार है. उसका लाइसेंस भी ज़ब्त कर लिया गया है. पुलिस गाड़ी भी बरामद कर चुकी है. उसके पास पूछताछ के लिए कोई नई बात नहीं है. इसलिए, पुलिस हिरासत खत्म की जाए और आशीष को जमानत पर रिहा कर दिया जाए.


पुलिस के वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि जांच अभी शुरुआती चरण में है. जो लाइसेंस ज़ब्त किया गया है, उसका वेरिफिकेशन बाकी है. घटना के दौरान जो लड़कियां आशीष के साथ मौजूद थीं, उनकी केस में भूमिका की भी जांच होनी है. उनके साथ किस तरह का आर्थिक लेन-देन आशीष की तरफ से किया गया, ये भी देखा जाना बाकी है. उसे लखनऊ और दूसरी जगह पर ले जाकर इस बात को भी देखना होगा कि गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद वो किन जगहों पर छुपा रहा. इसलिए, पुलिस रिमांड बढ़ा दी जाए.


जज ने पुलिस के वकील की दलीलें ठुकरा दी. कहा, हथियार, लाइसेंस और गाड़ी बरामद किए जा चुके हैं. पूछताछ के लिए फिलहाल कोई नई बात नज़र नहीं आती है. लड़कियों के साथ आशीष के आर्थिक लेन-देन की इस मामले में कोई भूमिका नहीं लगती. हथियार के लाइसेंस का वेरिफिकेशन करने के लिए उसे पुलिस की हिरासत में रखना जरूरी नहीं है.


क्या है पूरा मामला
बता दें कि 14 अक्टूबर से सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हुआ. जिसमें बीएसपी सांसद का बेटा आशीष पांडे एक लड़की से बदसलूकी करता हुआ दिखा. इस दौरान वह बंदूक दिखाता हुआ भी दिखा था. कुछ लोग झगड़ा शांत कराने की कोशिश कर रहे हैं. तो कुछ लोग तमाशबीन हैं. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आशीष पांडे की खोजबीन शुरू की. आशीष पांडे पर आरोप है कि वह लेडीज टॉयलेट में घुस गया था. जब लड़की ने इसका विरोध किया तो उसने बदसलूकी शुरू कर दी. पुलिस का कहना है कि वीडियो में आशीष पांडे और उसके दोस्तों को एक व्यक्ति को गाली देते सुना जा सकता है. पुलिस उपायुक्त देवेंद्र आर्य ने कहा कि घटना के संबंध में दक्षिणी दिल्ली स्थित हयात रीजेंसी होटल के सहायक सुरक्षा प्रबंधक ने सोमवार को सूचित किया.


बंदूक रखने पर दी थी आशीष पांडे ने सफाई
उसने होटल कैंपस में लड़की से झगड़ने और हाथ में बंदूक रखने को लेकर सफाई दी थी. उसने कहा, ''यह मेरी गलती थी, मैं इसको मानता हूं. घटना को एकतरफा दिखाया जा रहा है. अगर पूरे मामले की तहकीकात की जाए. सीसीटीवी फुटेज दिखाया जाए तो पता चल जाएगा की लेडीज टॉयलेट में कौन घुसा था और किसने किसको धमकी दी थी. मैंने बंदूक नहीं तानी. लड़की ने अश्लील इशारे किए. मुझे न्यायिक प्रक्रिया में भरोसा है.'' आशीष पांडे ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, ''पिस्टल होटल के अंदर नहीं लेकर गए. पिस्टल कार में ही रखी थी. वे डैशबोर्ड से पिस्टल निकाल कर गाड़ी में दूसरी जगह रख रहे थे तभी लड़के ने गाली दी उसके बाद वे पिस्टल लेकर निकले. लेकिन एक बार भी पिस्टल किसी पर नहीं तानी, पूरे समय पिस्टल मैंने पीछे की तरफ रखी. अपनी रक्षा में पिस्टल मैं नहीं रख सकता? मेरा लाइसेंस वैध है.''