नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने जिला अदालतों में इंटरनेट सुविधा बढ़ाने में आम आदमी पार्टी की सरकार के गंभीर न होने पर नाराजगी जतायी है. कोर्ट ने गुरुवार को कहा, जिला अदालतों में इंटरनेट सुविधाएं बढ़ाने, दस्तावेजों की स्कैनिंग और डिजिटलीकरण परियोजना के प्रति आप सरकार का रवैया गंभीर नहीं है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह तत्परता के साथ यह कार्य पूरा करे.
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि मौजूदा स्थिति में परियोजना को मंजूरी देना अत्यावश्यक था जब दिल्ली में कोरोना महामारी के कारण वीडियो-कॉन्फ्रेंस से अदालत में सुनवाई हो रही है.
पीठ ने कहा कि इस प्रकार के अत्यावश्यक मामले को मंजूरी देने में दिल्ली सरकार द्वारा गंभीरता नहीं दिखाने पर हम गौर करने के लिए मजबूर हैं. खासकर तब जबकि कोरोना वायरस के कारण अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सीमित सुनवाई हो रही है.
कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दिया दो हफ्ते का समय
पीठ ने कहा, "दिल्ली सरकार को तत्परता से कार्य करने और प्रस्तावों (परियोजना से संबंधित) को आज से दो सप्ताह के भीतर मंजूरी देने का निर्देश दिया जाता है." कोर्ट ने यह टिप्पणी और निर्देश दिल्ली सरकार द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट पर गौर करने के बाद दिया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि परियोजना से संबंधित चार प्रस्तावों में से केवल एक को मंजूरी दी गई है. मंजूर प्रस्ताव जिला अदालतों में लोकल एरिया नेटवर्क (एलएएन) के वार्षिक रखरखाव के लिए अनुबंध से संबंधित है. अब मामले में अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी.
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