अमित शाह पर मायावती का पलटवार, कहा- 'नोटबंदी से उड़ा जनता के चेहरे का रंग'
शाहजहांपुर : बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मायावती और ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से दोनों के चेहरे का रंग उड़ा हुआ है. अमित शाह के इस बयान पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने पलटवार करते हुए कहा कि नोटबंदी से जनता के चेहरे से रंग उड़ गया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 90 फीसदी जनता के चेहरे की चमक छीन ली है.
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वास्तव में यह सरकार आज़ाद भारत के इतिहास में लगभग 90 प्रतिशत जनता को सबसे ज़्यादा दुख और तकलीफ देने व उनके चेहरों का नूर उतारने वाली साबित हुयी है.
मोदी सरकार की विफलता नहीं तो और क्या है?
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि नोटबन्दी के कारण बैंकों और एटीएम के बाहर लम्बी कतार में खड़े लोगों की मुसीबत कम होने को नाम ही नहीं ले रही हैं, फिर भी लोगों को उनका थोड़ा पैसा भी नहीं मिल पा रहा है, यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की विफलता नहीं तो और क्या है?
इससे पहले आज यूपी के शहजहांपुर में बीजेपी की परिवर्तन रैली में अमित शाह में नोटबंदी को लेकर विरोधी दलों पर जमकर निशाना साधा. अमित शाह ने आरोप लगाया है कि नोटबंदी का विरोध करने वाले दल नहीं चाहते कि राजनीति से कालाधन समाप्त हो और इसीलिए उन्होंने संसद में राजनीतिक चंदा लेने की पद्धति पर चर्चा नहीं होने देने के लिए शीतकालीन सत्र नहीं चलने दिया.
एक ही साथ होने चाहिए पंचायत से लेकर लोकसभा तक के चुनाव
परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में राजनीतिक चंदा लेने की पद्धति पर चर्चा करने का सुझाव दिया था और यह भी कहा था कि पंचायत से लेकर लोकसभा तक के चुनाव एक ही साथ होने चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘मगर विपक्ष ने पूरे शीतकालीन सत्र में इस पर चर्चा नहीं होने दी.. वे चाहते ही नहीं हैं कि राजनीति से कालाधन जाए.. मैं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से अपील करना चाहता हूं कि हमें मोदी जी के प्रस्ताव पर चर्चा करनी चाहिए, ताकि राजनीति में शुचिता लायी जा सके. ’नोटबंदी का विरोध कर रहे राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि सबसे ज्यादा दर्द उन्हें हो रहा है जिनके अरबों खरबों रूपये रद्दी में बदल गये हैं.
उन्होंने रैली के जरिए जनता से सीधा संवाद करने की शैली में कहा, ‘आपने ममता बनर्जी और मायावती के चेहरों को देखा है.. चेहरे का नूर गायब हो गया है और एक ही दिन में उनकी उम्र दस साल बढ़ गयी लगती है.’
जाली नोटों के गोरखधंधे में लगे लोगों को ठीक कर दिया
अमित शाह ने नोटबंदी के निर्णय को उचित ठहराते हुए कहा कि मोदी के एक ही निर्णय ने तस्करों, नक्सलियों, आतंकवादियों और जाली नोटों के गोरखधंधे में लगे लोगों को ठीक कर दिया है. शाह ने प्रदेश की राजनीति में गत 15 सालों से हावी सपा, बसपा पर हमला बोलते हुए कहा कि जाति और परिवारवाद चलाने वाले दल राज्य का विकास नहीं कर सकते और इसके लिए बीजेपी की दो तिहाई बहुतम वाली सरकार जरूरी है.
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘पिछले 15 साल से चाचा-भतीजा और बुआ-भतीजा प्रदेश पर राज कर रहे है और इसका विकास नहीं होने दे रहे है. वे नहीं चाहते कि केन्द्रीय योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचे, उन्हें डर है कि इससे मोदी की लोकप्रियता बढेगी.’
उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में किसानों तक किसान फसल बीमा योजना का लाभ पहुंचा ही नहीं क्योंकि चाचा भतीजा यह तय नहीं कर पाये कि बीमा कंपनी के प्रीमियम का कमीशन कौन लेगा.’ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस दावे पर कि कांग्रेस से गठबंधन होने पर वह विधानसभा की 300 सीटें जीत लेंगे, शाह ने कहा कि उन्हें हार दिखने लगी है. साथ ही यह भी चुनौती दी कि सभी पार्टियां एक साथ मिलकर चुनाव लड लें तो भी बीजेपी को हरा नही पायेंगी. जनता ने यूपी में बीजेपी की सरकार बनाने का फैसला कर लिया है.
यूपीए सरकार ने किया 12 लाख करोड़ रूपये का घोटाला
शाह ने तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश बाबू उस राहुल बाबा के सहारे सरकार बनाने की योजना बना रहे है जिनकी पार्टी के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल में 12 लाख करोड़ रूपये का घोटाला किया है. उन्होंने बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधते हुए कहा, ‘भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड नहीं बनाया गया है, यदि बनेगा तो बहनजी (मायावती) नंबर एक पर रहेंगी.’ तीन तलाक के मुददे पर शाह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपनी स्पष्ट राय रख दी है कि सभी महिलाओं के हितों की रक्षा होनी चाहिए चाहे वह किसी भी धर्म की हों.
अमित शाह ने इस मामले में विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस सब चुप हैं, हां या नहीं, कुछ नहीं कहते हैं. शाह ने महिलाओं से अपील की कि जब इन दलों के नेता वोट मांगने आये तो वह उनसे पूछें कि वे तीन तलाक के मुददे पर क्या राय रखते है और महिलाओं की सुरक्षा के लिए क्या कर रहे हैं.
आपको बता दें कि यूपी में 6 महीने के अंदर विधान सभा चुनाव है. बीजेपी और बीएसपी दोनों ही समाजवादी पार्टी को हटाकर सत्ता पर कब्जा करने की होड़ में है.