वाराणसी: मोदी ने कहा था कि नोटबंदी के 50 दिन बाद हालात में सुधार होगा. आज नोटबंदी के 50 दिन पूरे हो रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गरीब मजदूरों की जिंदगी पर नोटबंदी का क्या असर पड़ा है यह जानने की कोशिश की है हमारे संवाददाता अभिशार शर्मा ने.


नोटबंदी का सबसे ज्यादा असर मजदूरों पर पड़ा है. वाराणसी के चौक चौराहों पर हर समय काम की तलाश में बड़ी संख्या में मजदूर देखे जाते हैं. लेकिन अब इन मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है.


सरकार को जनता की परवाह नहीं- मजदूर


मजदूरों का कहना है कि सरकार को भी जनता की परवाह नहीं है. हम लोग एक-एक पैसे के लिए तरस रहे हैं और बाल बच्चे भूखे मर रहे हैं. ऐसे में हम मोदी जी पर कैसे विश्वास करें. मजदूरों ने कहा है कि हालत और बदत्तर होती जा रही है. ना धंधा है और ना पैसा.


ठेकेदार भी नोटबंदी का नाजायज फायदा उठा रहे हैं. काम कराने के बाद भी ठेकेदार मजदूरों को उनका मेहनताना नहीं दे रहे हैं.


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बनारसी साड़ी बनाने वाले बुनकर-मजदूर परेशान


वाराणसी अपनी खूबसूरत बनारसी साड़ी के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. नोटबंदी का कितना असर बनारसी साड़ी बनाने वाले बुनकरों और मजदूरों पर पड़ा है, अब यह जानिए.


नोटबंदी के बाद से नहीं मिल रहे कारीगर


वाराणसी के लोहटा में बनारसी साड़ी का बड़े स्तर पर काम होता है. नोटबंदी के बाद से यहां कामकाज ठप है. पावरलूम के मालिक जगदीश जैसवाल का कहना है कि नोटबंदी के बाद से उन्हें कारीगर नहीं मिल रहे है. उन्होंने कहा कि पहले हमारे यहां एक हजार लोग काम करते थे लेकिन अब सिर्फ 200 लोग ही बचे हैं.


बनारसी साड़ी के कारोबार पर काफी बुरा असर पड़ा है फिर भी बुनकरों को लगता है कि प्रधानमंत्री हालात को सुधारने में कामयाब होंगे.



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