बरेली: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने दावा किया है कि 500 और 1000 रूपये के पुराने नोट बंद किये जाने से कालेधन वालों पर तो कोई असर नहीं पडा है. मगर छोटे व्यापारी किसान और गरीबों को इससे परेशानी जरूर हुई है और इस फैसले के चलते देश में 105 लोगों की मौत हो चुकी है.



नोटबंदी के कारण देश में 105 मौतें


एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को समाजवादी पार्टी की मंडलीय जनसभा को संबोधित करते हुए कहा ‘नोट बंदी के कारण देश में अब तक 105 लोगों की जान जा चुकी है. ऐसे कदमों से काला धन बाहर नहीं आता. देश में कुल सौ परिवारों के पास ही काला धन है. प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि उनके मित्रों के पास कितना कालाधन है, जिनके पास कालाधन है वे प्रधानमंत्री के साथ है.’


उन्होंने कहा ‘‘मुझे मालूम है कि आपके दोस्त के पास कालाधन है. मैं उससे मिल भी चुका हूं मगर नाम नहीं बताउंगा. नोट बंदी से कालेधन वालों पर कोई असर नहीं पडता है.’’


एसपी सुप्रीमो ने यह भी कहा, ‘‘मोदी सरकार ने नोटबंदी का निर्णय बिना किसी तैयारी के लागू कर दिया. एटीएम और बैंक में पैसे नहीं है. लोग सुबह से शाम तक पैसे के लिए लाइन लगा रहे हैं. नोट बंदी से किसानों व्यापारियों और गरीबों को परेशानी उठानी पड रही है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव में प्रदेश की जनता इसका माकूल जबाव देगी.



मुलायम की रैली में शामिल नहीं हुए अखिलेश


आपको बता दें कि गाजीपुर की ही तरह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आज हुई जनसभा में भी शामिल नहीं हुए. एसपी प्रमुख ने पार्टी सरकार के कामकाज की प्रशंसा की और दावा किया कि अखिलेश सरकार ने चुनाव में किये पार्टी के सभी वादे पूरे किये हैं और ऐतिहासिक काम भी हुए है.


बीजेपी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि एसपी ने बीजेपी की तरह कभी झूठे वादे नहीं किये. उन्होंने मंच पर मौजूद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की प्रशंसा करते हुए कहा कि मंत्री के रूप में उन्होंने सबसे अच्छा काम किया है.


एसपी मुखिया ने बेरोजगारी दूर करने के मामले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर कोताही का भी आरोप लगाया और कहा कि विभिन्न विभागों पांच लाख रिक्तियां है उन्हें भरा क्यों नहीं जा रहा है. अपने शासनकाल का जिक्र करते हुए कहा कि 18 महीने में हमने तीन बार पुलिस में भर्तिया निकाली थी.


बैंक और एटीएम की कतार में मरने वाले लोगों के परिजन को दो-दो लाख देगी अखिलेश सरकार


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नोटबंदी के फलस्वरूप प्रदेश के विभिन्न जिलों में बैंकों और एटीएम की कतार में मरने वाले सभी लोगों के परिजन को दो-दो लाख रपये की सहायता देने का एलान किया है. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अलीगढ़ जिले में नोटबंदी के बाद अपने परिवार के भुखमरी के कगार पर पहुंचने के बाद बैंक से पुराने नोट नहीं बदल पाने से क्षुब्ध होकर हाल में आत्मदाह करने वाली रजि़या नामक महिला के निधन पर दु:ख व्यक्त करते हुए उनके परिजन को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.



अखिलेश ने प्रदेश में नोटबंदी के फलस्वरूप बैंकों एवं एटीएम की कतार में नोट बदलवाने में लगे कई लोगों की मृत्यु को दुखद बताते हुए आर्थिक रूप से कमजोर सभी मृतकों के परिजनों को परीक्षण के बाद मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दो-दो लाख रुपए की सहायता देने की भी घोषणा की है.


प्रदेश में अब तक 16 लोगों की मौत


प्रदेश में ऐसे मृतकों की कोई आधिकारिक संख्या नहीं है लेकिन एसपी के मुताबिक नोटबंदी के परिणामस्वरूप विभिन्न कारणों से प्रदेश में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है.


उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को अपनी ही धनराशि को प्राप्त करने के लिए इस प्रकार बैंक एवं एटीएम की लाइन में लगकर पैसा निकालने का प्रयास करना और उस पर भी सफल ना हो पाना अत्यन्त कष्टप्रद है.


आपको बता दें कि नोटबंदी के बाद अलीगढ़ जिले में रजि़या नामक महिला मजदूरी के रूप में प्राप्त 500-500 के छह नोट बदलवाने के लिए अपने नज़दीकी बैंक में लगातार तीन दिन तक कोशिश करती रही, परन्तु नोट बदलने में असफलता से दु:खी होकर उसने अपने आप को आग लगा ली. दिल्ली में इलाज के दौरान चार दिसम्बर को उसका निधन हो गया था.