देहरादून, रवि कैंतुरा: कोरोना के साये के बीच अब डेंगू के डंक का कहर भी डराने लगा है. उत्तराखंड में पिछले वर्ष डेंगू ने अपना जमकर कहर बरपाया था. ऐसे में इस साल चुनौतियां दोगुनी बढ़ गई है. एक तरफ कोरोना का खौफ और दूसरे तरफ डेंगू का खतरा. इस दौरान अगर डेंगू ने दस्तक दे दी, तो प्रशासन के सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा हो जाएगा।
जिस मौसम में डेंगू का मच्छर पनपता है, वो मौसम आने वाला है. ऐसे में प्रशासन को इसके लिए तैयार रहने रहने और लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है. कोरोना के बीच डेंगू की दस्तक हुई, तो ये कितना खतरनाक हो सकता है, इसके बारे में जब हमने वरिष्ठ फिज़िशियन डॉ. केसी पंत से जानकारी हासिल की. तो उन्होंने बताया कि इसके लिए अस्पताल और डॉक्टर पूरी तरह से तैयार हैं. उन्होंने कहा कि डेंगू की रोकथाम और उसके इलाज के लिए पुराना अनुभव हैं, जबकि कोविड-19 से जुड़ी ज्यादा जानकारी नहीं थी, इसलिए स्थिति ज्यादा नाजुक हुई.
पिछले तीन सालों पर गौर करें, तो डेंगू ने उत्तराखंड में खूब दहशत फैलाई थी. जहां पिछले साल देहरादून में डेंगू से 2-3 मौतें हुईं थी. यही वजह है कि प्रशासन ने इसके लिए अभी से कसरत शुरू कर दी है. देहरादून में जिलाधिकारी ने डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक भी की है, जिसमें उन्होंने उन इलाकों पर ज्यादा फोकस करने के लिए कहा है, जहां पिछले वर्ष बहुत ज्यादा डेंगू के केस मिले थे. जिलाधिकारी ने ये भी कहा कि 15 जून से तेजी के साथ डेंगू का सीजन शुरू होता है, ऐसे में इसपर रोक लगाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
इस साल कोविड-19 के दौरान डेंगू की दस्तक चिंताजनक होगी, लेकिन घबराने की ज़रूरत है. स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन का साफ कहना है कि वो इस स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
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