देवबंद ने मस्जिदों में एल्कोहल वाले सेनिटाइजर के इस्तेमाल को बताया सही, कहा- मजबूरी के तहत दुरुस्त है
देवबंद ने मस्जिदों में एल्कोहल वाले सेनिटाइजर के इस्तेमाल को सही बताते हुए कहा कि मजबूरी के तहत ये दुरुस्त है.
सहारनपुर: देवबंद विश्व विख्यात दीनी तालीम के अज़ीम मरकज दारुल उलूम देवबंद ने देश के मौजूदा हालात और कोरोना वायरस से बचाव के लिए सैनिटाइजर के प्रयोग को सही करार दिया है. दारूल उलूम द्वारा जारी फतवे में बताया गया कि देश में इस समय कोरोना महामारी फैली हुई है. ऐसे में मस्जिदों के अंदर सैनिटाइजर का छिड़काव और हाथों पर सैनिटाइजर लगा होने के बावजूद वजू कर लेना मस्जिदों के फर्श को सैनिटाइज करना मजबूरी के तहत दुरुस्त है.
उनका कहना है कि इस समय कोरोना से बचाओ मजबूरी है और सबसे पहले इस महामारी से बचाव करना है. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सैनिटाइजर में एल्कोहल होता है और बरेली से जारी फतवे में सैनिटाइजर के प्रयोग को नाजायज करार दिया गया था.
जबकि दारुल उलूम ने हालात और मजबूरी के मद्देनजर सैनिटाइजर के प्रयोग को सही ठहराया है, जबकि सामान्य हालात में अल्कोहल से बनी चीजों का छिड़काव मस्जिदों में कराना सही नहीं है. दारुल उलूम द्वारा जारी फतवे में यह भी कहा गया कि कपड़ों या बदन पर सैनिटाइजर के छींटे पड़ जाने से कपड़े या बदन नापाक नहीं होता है.
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