गोरखपुर: देवरिया बालिका गृह कांड की आरोपी प्रबंधक गिरिजा देवी को लेकर एसआईटी की टीम गोरखपुर पहुंची. टीम ने यहां कैंट इलाके में आरोपी गिरिजा देवी के एनजीओ मां विन्ध्यवासिनी द्वारा संचालित वृद्धाश्रम की जांच की. एसआईटी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में तीन घंटे की जांच के बाद वृद्धाश्रम को सील कर दिया और लखनऊ से आई फोरेंसिक टीम ने वृद्धाश्रम से कुछ नमूने भी लिए. टीम ने यहां से रजिस्टर और अन्य दस्तावेजों को अपने कब्जे में लिया है. इस दौरान सवालों की बौछार से गिरिजा देवी के पसीने छूटने लगे.
देवरिया में बालिका गृह कांड से सुर्खियों में आई मां विन्ध्यवासिनी एनजीओ की प्रबंधक गिरिजा देवी का वृद्धा आश्रम गोरखपुर के कैंट इलाके के चाणक्यपुरी कालोनी में अवैध रूप से संचालित होता रहा है. देवरिया कांड के बाद आश्रम में जांच-पड़ताल में देवरिया बालिका गृह की एक 21 साल की लड़की यहां पर बरामद हुई थी.
इस मामले में गिरिजा देवी की यहां पर रह रही बेटी कनकलता, लिपिक अंकित मिश्रा, रसोईया, नौकरानी और देवरिया से लड़की को यहां पर लाने वाली महिला को हिरासत में लेकर देवरिया पुलिस को सौंप दिया गया था.
5 अगस्त को देवरिया पुलिस ने स्टेशन रोड पर छापा मारकर 23 लड़कियों को वहां से बरामद किया था. पुलिस ने बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों के साथ देह व्यापार के शक में अवैध रूप से संचालित हो रहे बालिका गृह को सील कर दिया था. मां विन्ध्यवासिनी एनजीओ की प्रबंधक गिरिजा त्रिपाठी, उसके पति मोहन त्रिपाठी और दो बेटियों कंचनलता और कनकलता रविवार की शाम से तीन दिनों की पुलिस रिमांड पर हैं.
सीओ कैंट प्रभात कुमार ने बताया कि लखनऊ से फोरेंसिक टीम के साथ विशेष जांच दल ने मंगलवार को गोरखपुर के रानीडीहा क्षेत्र के चाणक्यपुरी कालोनी स्थित वृद्धाश्रम की सील तोड़ी और यहां पर नमूने एकत्र किए. इस दौरान आश्रय गृह की प्रबंधक गिरिजा देवी भी टीम के साथ लाई गई थी.
तीन घंटे की जांच के दौरान टीम ने सिलसिलेवार गिरिजादेवी से सवाल पूछे. सवाल के जवाब देने में गिरिजा देवी को पसीने छूट गए. टीम ने यहां से भी जांच के बाद नमूने लिए हैं. वहीं देवरिया में भी एक टीम गिरिजा देवी की पति मोहन को लेकर जांच करने बालिका गृह गई थी.