देवरिया: कभी-कभी बदनसीबी मरते दम तक पीछा नहीं छोड़ती. कुछ ऐसा ही हुआ देवरिया शेल्टर होम में रह रही लड़कियों के साथ हुआ. बिना मां-बाप की बच्चियों ने किसी तरह जीने का दम भरा तो शेल्टर होम के घिनौने सच ने उन्हें अपने आगोश में ले लिया. सर के उपर छत और दो वक्त की रोटी के लिए उन्हें इतनी बड़ी कीमत चुकानी होगी शायद ऐसा उन सबने कभी नहीं सोचा होगा.
शेल्टर होम से किसी तरह हिम्मत जुटाकर भागी मासूम ने वहां का घिनौना सच उजागर किया. उसने पुलिस को इतनी दर्दनाक सच्चाइयों से वाकिफ कराया कि सबके होश फाख्ता हो गए. मासूम ने बताया की एक दीदी हैं, उन्हें बड़ी मैम यानि गिरिजा त्रिपाठी रात को कहीं भेजती थीं, कभी लाल गाड़ी तो कभी काली गाड़ी उनको ले जाने आती थी. जब दीदी सुबह में आती थीं तो सिर्फ रोती थीं, कुछ भी पूछने पर बताती नहीं थीं. 15 साल से बड़ी जो लड़कियां थीं उन्हें कहीं भेजा जाता था और अगली सुबह वो रोते हुए वापस आती थीं.
तुम लोगों से क्या करवाया जाता था के सवाल पर उसने बताया कि हम जितनी छोटी लड़कियां थी हम लोंगो से झाड़ू पोछा और घर का काम करवाया जाता था.
शेल्टर होम की कई लड़कियों ने मासूम की कही हुई बात पर अपनी सहमती दी कि हां उनके साथ ऐसा होता था. एक लड़की ने बताया कि बड़ी मैम खुद लड़कियों को लेकर जाती थीं. गोरखपुर में भी बालिका गृह की संचालिका का घर है. गाड़ी में लड़कियों को वहीं ले जाया जाता था. वहां इन लड़कियों के साथ गलत काम होते थे.
एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए बालिका गृह में रहने वाली कुछ लड़कियों ने बताया कि 15 साल से ज्यादा उम्र की कुछ लड़कियों को अक्सर रात को कहीं भेजा जाता था. हर दिन किसी ना किसी की बारी होती थी.
लड़कियों का आरोप है कि जो 18 लड़कियां अभी लापता हैं उनमें से एक लड़की की मौत हो चुकी है वहीं 3 लड़कियों को विदेशियों के हाथों बेच दिया गया है. कुछ यहां के हालात की वजह से फरार हो गई हैं. आरोप यह भी है कि छोटी लड़कियों को झाड़ू पोछा जैसे काम करवाए जाते थे और मना करने पर उनके साथ मारपीट होती थी. 24 लड़कियों की बरामदगी के बाद पुलिस फिलहाल ये पता लगाने की कोशिश हो रही है कि बाकी बची लड़कियां कहां हैं.
इस मामले में कल बालिका गृह की संचालिका गिरजा त्रिपाठी उसके पति और बेटे को गिरफ्तार किया गया था. आज उसकी बेटी कंचनलता को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरिजा त्रिपाठी का देवरिया के अलावा गोरखपुर में भी शेल्टर होम है जिसकी देखरेख का जिम्मा कंचनलता का था. बता दें कि गोरखपुर शेल्टर होम को भी सील करने के आदेश दे दिए गए हैं.