प्रयागराज: यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य शुक्रवार को करीब तीन घंटे तक ज्यूडिशियल कस्टडी में रहे. वह अपने खिलाफ दर्ज तीन पुराने मुकदमों में इलाहाबाद की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में पेश हुए थे. हालांकि बाद में उन्हें तीनों ही मुकदमों में जमानत मिल गई. जमानत पर रिहा होने के बाद डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने न्यायिक व्यवस्था के प्रति अपना सम्मान जताया और कहा कि यह सभी मुक़दमे राजनैतिक दबाव में दर्ज किये गए थे.
डिप्टी सीएम केशव जिन तीन मुकदमों में कोर्ट में पेश हुए थे, वह सभी यूपी की योगी सरकार ने वापस ले लिए हैं. जमानत की प्रक्रिया पूरी न होने की वजह से इन मुकदमों को वापस लिए जाने की मंजूरी ट्रायल कोर्ट से नहीं हो सकी थी. ज्यूडिशियल कस्टडी के दौरान केशव डिस्ट्रिक्ट कोर्ट कैम्पस में ही रहे. इस दौरान कोर्ट कैम्पस में खासी गहमा - गहमी रही. स्पेशल कोर्ट ने आज की प्रक्रिया पूरी होने तक मीडिया में किसी तरह की खबर प्रसारित करने पर रोक लगा दी थी. जमानत देने के साथ ही कोर्ट ने मीडिया पर लगाई गई अपनी यह पाबंदी वापस भी ले ली. इन मुक़दमों में हाजिर न होने पर कोर्ट ने गहरी नाराज़गी जताते हुए कल ही एनबीडब्लू यानी गैर जमानती वारंट जारी किये जाने की चेतावनी भी दी थी. तीनों मुकदमों में उनके खिलाफ वारंट भी जारी था.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अपने गृह जनपद प्रयागराज की इलाहाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में जिन तीन मुकदमों में पेश हुए, उनमे दो प्रयागराज और एक कौशाम्बी जिले के थे. कौशाम्बी के मोहब्बतपुर पइंसा थाने में उनके खिलाफ साल 2008 में धार्मिक आयोजन के नाम पर गलत तरीके से चंदा वसूलने का केस दर्ज हुआ था. विवाद कुल आठ हजार रूपयों का था. साल 2007 में प्रयागराज की सिटी वेस्ट सीट से बीजेपी से विधानसभा का चुनाव लड़ने पर केशव के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का केस शहर के धूमनगंज में दर्ज हुआ था. इसी तरह साल 2008 में ही शहर के ही कीडगंज थाने में एक परीक्षा केंद्र पर हंगामे की एफआईआर दर्ज हुई थी.
तीनो मुक़दमे कुछ दिन पहले ही प्रयागराज में यूपी के माननीयों के आपराधिक मुकदमों की सुनवाई के लिए गठित स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर हुए थे. अदालत से आज तीनों मामलों में जमानत मिलने के बाद केशव मौर्य और उनके समर्थकों ने राहत की सांस ली. जमानत के बाद डिप्टी सीएम ने न्यायिक व्यवस्था पर अपनी आस्था जताई और कहा कि अदालत उन्हें जब भी बुलाएगी, वह सम्मान करते हुए फ़ौरन कोर्ट में हाजिर होंगे.