पटना: उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि व्यापक तैयारी और जनजागरूकता के जरिए बच्चों की जानलेवा बीमारी चमकी बुखार (ए ई एस) पर नियंत्रण पाने में इस साल बड़ी कामयाबी मिली है. मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में व्यापक तैयारी और जन जागरूकता का असर दिखा है.


डिप्टी सीएम ने कहा कि पिछले साल 30 जून तक जहां 164 बच्चों की मृत्यु इस बीमारी से से हुई थी, वहीं, इस साल अब तक 12 बच्चे इसके शिकार हुए हैं. मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में पिछले साल इसी अवधि में 653 बच्चे इलाज के लिए भर्ती हुए थे, जबकि इस साल यह संख्या 95 तक सीमित हैं.


सुशील मोदी ने कहा कि चमकी बुखार से पिछले साल हुई बच्चों की मौत के बाद रिकार्ड समय में एसकेएमसीएच में 72 करोड़ की लागत से विश्वस्तरीय 100 बेड के पिकू वार्ड का निर्माण किया गया, जिससे इस साल बच्चों को त्वरित इलाज में काफी सुविधा मिली है. इसके साथ ही उत्तर बिहार के चमकी बुखार प्रभावित 11 जिलों में 406 एम्बुलेंस की प्रतिनियुक्ति की गई, ताकि जरूरत पड़ने पर बिना समय गंवाए मुफ्त में बच्चों को अस्पताल तक पहुंचाया जा सके.


सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के बाद चमकी बुखार से मुजफ्फरपुर के सर्वाधिक प्रभावित पांच प्रंखडों मुशहरी, मीनापुर, मोतीपुर,कांटी और बोचहा के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डॉक्टरों की तैनाती, पर्याप्त दवा व उपकरण आदि की व्यवस्था के साथ ही प्रत्येक परिवार को राशनकार्ड, नए आंगनबाड़ी केंद्र व बच्चों के स्कूल में नामांकन आदि का अभियान चलाया गया.


इसके अलावा मुजफ्फरपुर के चमकी बुखार प्रभावित सभी प्रखंडों में जन जागरूकता के लिए एक-एक अधिकारी को तैनात किया गया. आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर घर-घर जाकर लोगों को सफाई व रात में बच्चों को भरपेट खाना खिला कर सुलाने के लिए जागरूक किया गया.


इन सारे प्रयासों का सम्मिलित नतीजा रहा कि इस साल जानलेवा चमकी बुखार पर नियंत्रण पाने में काफी हद तक सफलता मिली है.


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