भगवान राम खुद करा लेंगे अपने मंदिर का निर्माण: दिनेश शर्मा
बता दें कि अयोध्या विवाद में निर्णायक सुनवाई शुरू होने की उम्मीद बढ़ गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 'इस्लाम में मस्ज़िद की अनिवार्यता' का सवाल पहले सुने जाने की मांग ठुकरा दी. तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की अगली तारीख 29 अक्टूबर तय की है. माना जा रहा है कि अब मामले की नियमित सुनवाई होगी.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि किसी को राम मंदिर बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जब समय आ जाएगा तो भगवान राम खुद अपने मंदिर का निर्माण करा लेंगे. शर्मा शुक्रवार को मिर्जापुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने विंध्याचल धाम में दर्शन-पूजन किया. इसके बाद पत्रकारों से राममंदिर के निर्माण को लेकर बात की.
बता दें कि अयोध्या विवाद में निर्णायक सुनवाई शुरू होने की उम्मीद बढ़ गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 'इस्लाम में मस्ज़िद की अनिवार्यता' का सवाल पहले सुने जाने की मांग ठुकरा दी. तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की अगली तारीख 29 अक्टूबर तय की है. माना जा रहा है कि अब मामले की नियमित सुनवाई होगी.
क्या था मस्ज़िद की अनिवार्यता का सवाल?
मसला 1994 में इस्माइल फारुखी बनाम भारत सरकार मामले में आए संविधान पीठ के फैसले का है. इस मामले में अयोध्या में विवादित ज़मीन के सरकारी अधिग्रहण को चुनौती दी गई थी. कहा गया था कि मस्ज़िद की जगह को सरकार नहीं ले सकती.
सुप्रीम कोर्ट ने अधिग्रहण को कानूनन वैध ठहराया. साथ ही कहा कि नमाज तो इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन इसके लिए मस्ज़िद अनिवार्य नहीं है. मुस्लिम पक्ष की दलील थी कि ये फैसला उसके दावे को कमज़ोर कर सकता है. इसलिए सबसे पहले इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए.
वहीं बोर्ड परीक्षा पर बात करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा, "बोर्ड परीक्षा में नकल न हो, इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है. परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे के अलावा गुप्त तरीके से टीमें परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं पर निगरानी रखेंगी. कोई भी नकल करता हुआ मिला तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी."
उन्होंने कहा कि नकल माफियाओं पर भी गोपनीय तरीके से निगरानी रखी जाएगी. किसी प्रकार की गड़बड़ी मिलते ही उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. किसी को बख्शा नहीं जाएगा.