आरक्षण पर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का बयान: पहली बार किसी सरकार ने गरीबों के लिए किया फैसला
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार के फैसले में सबका साथ सबका विकास झलकता है और सभी दलों को इसका स्वागत करना चाहिए.
लखनऊ: आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों को दस प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत करते हुए उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि इस फैसले में सबका साथ सबका विकास झलकता है और सभी दलों को इसका स्वागत करना चाहिए. पहली बार किसी सरकार ने जाति धर्म से ऊपर उठकर गरीबों के लिए फैसला किया है.
सीबीआई के दुरुपयोग के विपक्ष के आरोप पर शर्मा ने कहा कि भाजपा किसी वैधानिक संस्थान का दुरुपयोग नहीं करती और ऐसे आरोप निराधार हैं. उन्होंने कहा कि अब तक सपा बसपा आरोप लगाते थे कि कांग्रेस सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है और अब चूंकि सपा बसपा नज़दीक आ रहे हैं इसलिए भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं.
10 फीसदी आरक्षण का फैसला
चुनावी आहट के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों (आर्थिक रूप से पिछड़ी ऊंची जातियों) को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है. इसकी संवैधानिक मंजूरी के लिए आज संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया जाएगा.
विपक्ष ने बताया चुनावी जुमला
बीजेपी ने मोदी सरकार के इस कदम को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया जबकि विपक्ष ने इसके समय पर सवाल उठाया. कांग्रेस ने इसे ‘‘चुनावी जुमला’’ करार दिया. हालांकि, सियासी नफा-नुकसान को देखते हुए विपक्षी पार्टियों ने फिलहाल सरकार के इस कदम का समर्थन किया है.
किसे मिलेगा आरक्षण?
इस विधेयक में प्रावधान किया जा सकता है कि जिनकी सालाना आय 8 लाख रुपए से कम और जिनके पास पांच एकड़ से कम कृषि भूमि है, उन्हें आरक्षण का लाभ मिल सकता है. सूत्रों ने बताया कि ऐसे लोगों के पास नगर निकाय क्षेत्र में 1000 वर्ग फुट या इससे ज्यादा क्षेत्रफल का फ्लैट नहीं होना चाहिए और गैर-अधिसूचित क्षेत्रों में 200 यार्ड से ज्यादा का फ्लैट नहीं होना चाहिए.