इलाहाबाद: यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अपने गृह नगर इलाहाबाद में छत्तीस घंटों में मौत के घाट उतारे गए बीजेपी सभासद और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के वकील के परिवार वालों से मुलाक़ात की. इस मौके पर उन्होंने दोनों पीड़ित परिवारों को सरकार की तरफ से बीस -बीस लाख रूपए की मदद भी मुहैया कराई. डिप्टी सीएम ने दोनों ही मर्डर केस में अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किए जाने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की भी बात कही.
डिप्टी सीएम ने स्वीकारी क़ानून व्यवस्था खराब होने की कमी
उन्होंने इस मौके पर बात करते हुए उन्होंने इलाहाबाद की क़ानून व्यवस्था खराब होने की कमी बेबाकी से स्वीकारी. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में इलाहाबाद में कई घटनाएं हुईं हैं, जिसकी वजह से क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं. यह गंभीर मामला है और यूपी के बाकी हिस्सों की तरह इलाहाबाद की क़ानून व्यवस्था में भी सुधार किया जाएगा. इसके लिए अफसरों को ज़रूरी निर्देश दे दिए गए हैं. इलाहाबाद में बीजेपी सभासद और वकील दोनों की हत्या के आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा. अगर वह पाताल में भी छिपे होंगे, तो उन्हें वहां से भी ढूंढ निकाला जाएगा.
बीजेपी नेता पवन केसरी के परिजनों से मिले डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम केशव मौर्य आज सबसे पहले फूलपुर इलाके में मंगलवार को मौत के घाट उतारे गए बीजेपी नेता और नगर पंचायत के सभासद पवन केसरी के घर गए. परिवार वालों से मुलाक़ात करने के बाद उन्होंने बीस लाख रूपये का चेक दिया और उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराने का वायदा किया. परिवार वालों ने मामले का जल्द से जल्द खुलासा कर अपराधियों को गिरफ्तार किए जाने की गुहार लगाई.
वकील राजेश श्रीवास्तव के परिवार वालों को दिलाया सख्त कार्रवाई का भरोसा
केशव मौर्य इसके बाद शहर आए और वह बृहस्पतिवार को मौत के घाट उतारे गए वकील राजेश श्रीवास्तव के परिवार वालों से मिले. राजेश के परिवार को भी उन्होंने बीस लाख रूपये का चेक दिया. केशव ने दोनों मामलों में जल्द ही सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया.
बता दें कि हाल ही में सूबे के डीजीपी ओपी सिंह ने क़ानून व्यवस्था काफी बेहतर होने का दावा किया था. इलाहाबाद में कानून व्यवस्था की समीक्षा और कुंभ की तैयारियों की बैठक करने पहुंचे डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि यूपी की क़ानून व्यवस्था में पहले के मुकाबले काफी सुधार हुआ है और सूबे का लॉ एंड आर्डर काफी बेहतर हो गया है. उनके मुताबिक़ इक्का-दुक्का घटनाओं को लेकर समूचे यूपी की क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाना कतई सही नहीं है. उन्होंने इस बात से इंकार किया था कि अपराध की लगातार बढ़ती घटनाएं क़ानून व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही हैं.