लखऩऊ: 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में सियासी पारा बढ़ता जा रहा है. चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी पार्टियां एड़ी से चोटी का जोर लगा रही है. बात करें यूपी की तो स्थिति बीजेपी बनाम विपक्ष की है. बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए महागठबंधन पर भी विचार हो रहा है. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं पार्टियां एक-एक कर अपने पत्ते खोल रही हैं.
चुनावी नतीजों से पहले जनता के मूड को भांपने के लिए एबीपी न्यूज के लिए सी-वोटर सबसे बड़ा ओपिनियन पोल किया है. एबीपी न्यूज़-सी वोटर सर्वे के मुताबिक यूपी में महागठबंधन पर बात नहीं बनी तो 2014 का रिजल्ट करीब-करीब दोहराया जाएगा. सर्वे की मानें तो अलग-अलग लड़ने पर एसपी-बीएसपी को 4-4 सीटें मिल सकती हैं और एनडीए को 70 सीटें मिलने की संभावना है. और अगर यूपी में महागठबंधन बना तो एनडीए की सीट 31 रह जाएगी.
अगले साल यानी साल 2019 में देश में आम चुनाव होने हैं. दिल्ली की सत्ता का रास्ता 80 लोकसभा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है.बता दें कि 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तरप्रदेश में साल 2014 के चुनाव में अकेले बीजेपी के खाते में 71 सीटें आई थी. मोदी लहर का ऐसा असर था कि समाजवादी पार्टी को सिर्फ पांच सीटें मिली थीं. वहीं मायावती की पार्टी बसपा का खाता भी नहीं खुल सका था.
यूपी में महागठबंधन बना तो ऐसा होगा समीकरण
कुल- 80
एनडीए- 31
यूपीए- 5
महागठबंधन- 44
यूपी में महागठबंधन नहीं बना तो क्या होगा समीकरण
एनडीए- 70
यूपीए- 2
एसपी- 4
बीएसपी- 4
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले देश के तीन बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इन तीनों राज्यों और केंद्र में सत्ता के शिखर पर बीजेपी बैठी है. इन चुनावों को 2019 का सेमीफाइनल भी कहा जा रहा है.
उत्तर प्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनाव बताएंगे कि वहां प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता और अमित शाह की रणनीति काम आई या नहीं. बीजेपी को पूरा अंदाजा है कि वो 2014 का उत्तर प्रदेश बचा पाएगी तो 2019 का देश भी बचा लेगी. लेकिन उत्तर प्रदेश कैसे बचाएगी? इसके लिए वो कुछ ईंटें जोड़ रही है, कुछ समीकरण बिठा रही है.
यूपी में जातियों की संख्या पर नज़र डालें तो राज्य में सबसे ज्यादा 27 फीसद ओबीसी वोटर हैं. इनमें अकेले यादव 9 फीसद हैं. दलित वोटरों की संख्या 21 फीसद और मुस्लिम की 19 फीसद है. सवर्णों के कुल वोट 24 फीसद हैं, जिनमें ब्राह्मण 9 फीसद और राजपूत 7 फीसद हैं.