लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अगर समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो सभी गरीबों को दो कमरे का मकान दिया जाएगा और गांवों को 24 घंटे बिजली देंगे. सभी रिक्शा चालकों को ई-रिक्शा भी मुफ्त दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि काम बोलता है और एक सरकार ऐसी है जो दो साल में उद्घाटन भी नहीं कर सकी. यह बात उन्होंने शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सूडा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही.
आज तक नहीं आए अच्छे दिन
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव औऱ अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आजम खान ने ‘आसरा’ योजना के तहत प्रदेश में निर्मित 10067 आवासों के आवंटन पत्र और 2000 लाभार्थियों को ई-रिक्शे वितरित किए. इस मौके अखिलेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिना नाम लिए बगैर कहा कि कहते थे कि अच्छे दिन आएंगे पर आज तक अच्छे दिन नहीं आए.
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव आने वाला है बीजेपी वाले फिर न जाने कौन सा सर्जिकल स्ट्राइक करा दें. कहते थे नोटबंदी से कालेधन पर रोक लगेगी. लेकिन इस सरकार ने तरक्की और कारोबार सब रोक दिया. अब कैशलेस की बात कर रहे हैं.’’
अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘नोटबंदी के बाद जब से लाइन लगी है तब से पेटीएम की बहुत चर्चा हो रही है. यश भारती के वक्त पेटीएम वाले रिक्शे पर बैठकर मिलने आए थे. यूपी की जनता ने जिन्हें जिताकर दिल्ली भेजा है वो चुनाव में उनसे सवाल जरूर पूछेगी.’’
प्रत्येक आवास की लागत लगभग 4.19 लाख रुपये
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों एवं स्लम बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवारों को मुफ्त आवास उपलब्ध कराने की ‘आसरा’ योजना के तहत प्रदेश में निर्मित 10067 आवासों के आवंटन पत्र चयनित लाभार्थियों में वितरित किए गए. आसारा योजना के तहत प्रदेश सरकार द्वारा अब तक कुल 33941 आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनकी कुल परियोजना लागत 1465.61 करोड़ रुपये है. लगभग 25 वर्गमीटर में बने प्रत्येक आवास की लागत लगभग 4.19 लाख रुपये है.
इस अवसर पर मानव चालित निजी रिक्शा चालकों को मुफ्त ई-रिक्शा उपलब्ध कराने की योजना के तहत भी मुख्यमंत्री तथा नगर विकास मंत्री आजम खां द्वारा प्रदेश के 31 जिलों के 2000 लाभार्थियों को ई-रिक्शे वितरित किए गए. अब तक प्रदेश में कुल 6000 ई-रिक्शों का वितरण किया जा चुका है.
इन रिक्शों को बिल्कुल मुफ्त देने के साथ ही राज्य सरकार इनके रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट तथा बीमे पर होने वाले खर्च को भी वहन कर रही है. इस तरह एक ई-रिक्शे पर लगभग 1.80 लाख रुपये की लागत आती है. ये दोनों योजनाएं प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा अपने संसाधनों से शुरू की गई है.
बायोमीट्रिक प्रणाली से सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे पेंशनर: अखिलेश यादव
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को यहां कहा कि लाइफ सर्टिफिकेट के लिए बायोमीट्रिक व्यवस्था के लागू हो जाने से पेंशनरों को काफी राहत मिलेगी. इस प्रणाली के लागू होने से ऐसे पेंशनर और पारिवारिक पेंशनर सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे जो वृद्धावस्था में अपने परिवार के सदस्यों के साथ देश-विदेश के किसी भी स्थान में निवास कर रहे हैं. अखिलेश शनिवार को पेंशनर दिवस पर अपने सरकारी आवास पर बायोमीट्रिक डिवाइस से पेंशनरों के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट प्रणाली के शुभारंभ कार्यक्रम में बोल रहे थे.
इस प्रणाली के तहत आधार संख्या आधारित डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की व्यवस्था की गई है. इस सुविधा के माध्यम से आधार कार्ड में अंकित बायोमीट्रिक्स के आधार पर ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाना संभव होगा. इस व्यवस्था का लाभ उठाने के लिए पेंशनरों, पारिवारिक पेंशनरों के पास आधार कार्ड होना जरूरी है. यह सुविधा वर्तमान में लागू जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया के अतिरिक्त होगी.
पहली बार रजिस्ट्रेशन कराने के लिए संबंधित कोषागार में होना होगा उपस्थित
पेंशनर को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए पहली बार रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अपने संबंधित कोषागार में उपस्थित होना होगा. उन्हें अपने साथ आधार कार्ड, पेंशन खाते की बैंक पासबुक की मूल प्रति तथा छायाप्रति, मोबाइल नंबर, जिस पर वे सूचनाएं चाहते हों तथा पेंशन प्राधिकार पत्र (पीपीओ) लेकर जाना होगा. इस सुविधा से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए पेंशनर वेबसाइट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट केजीवनप्रमाण डॉट जीओवी डॉट इन पर देख सकते हैं या अपने कोषागार से संपर्क कर सकते हैं.
उल्लेखनीय है कि पेंशनरों की विभिन्न समस्याओं की जनपद स्तर पर सुनवाई व निराकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2015 में हर साल 17 दिसंबर को पेंशनर दिवस आयोजित करने का निर्णय लिया गया था. इस अवसर पर मुख्य सचिव राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव वित्त अनूप चंद्र पांडेय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
पुस्तकालयों का आज भी बेहद महत्व: अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि दुर्लभ साहित्य एवं पुस्तकें भावी पीढ़ी के लिए अनमोल धरोहर होती हैं. किसी भी समाज की प्रगति में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान होता है. वउन्होंने कहा, "आधुनिक दौर में भी पुस्तकालयों का बेहद महत्व है. विकसित राष्ट्रों की कैटेगरी में पहुंचने वाले सभी देशों ने अपनी शिक्षा व्यवस्था को लगातार अपडेट करते हुए रिसर्च ओरिएंटेड बनाने का प्रयास किया." मुख्यमंत्री शनिवार को योजना भवन में राज्य योजना आयोग के नवीनीकृत केंद्रीय पुस्तकालय 'अध्ययन' के लोकार्पण अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.
रिसर्च स्कॉलर्स के लिए एक रेफरेंस सेंटर
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि नियोजन संबंधी सभी जरूरी पुस्तकों एवं दस्तावेजों की उपलब्धता से यह पुस्तकालय सरकारी विभागों, संस्थाओं और रिसर्च स्कॉलर्स के लिए एक रेफरेंस सेंटर के तौर पर उपयोगी साबित होगा. राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष नवीन चंद्र बाजपेयी ने कहा कि इस पुस्तकालय में लगभग 50 विषयों की लगभग 20 हजार पुस्तकों एवं प्रकाशनों का कलेक्शन उपलब्ध है. पुस्तकालय में वर्ष 1931 से अब तक की भारतीय जनगणना के आंकड़ों का संग्रह भी उपलब्ध है. इसके साथ ही, पहली पंचवर्षीय योजना से 12वीं पंचवर्षीय योजना तक के प्रकाशनों का संग्रह भी उपलब्ध है.
इन तमाम जानकारियों से लैस यह पुस्तकालय निश्चित रूप से प्रदेश की नीतियों को बनाने व शोधार्थियों के लिए लाभकारी होगा. इस केंद्रीय पुस्तकालय को आने वाले समय में ई-नेटवर्किं ग के माध्यम से विभिन्न शोध संस्थानों, विश्वविद्यालयों से भी जोड़ा जाएगा. इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेंद्र चौधरी, प्रमुख सचिव नियोजन मुकुल सिंघल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.