आगरा: आगरा का लाल जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया. आगरा के थाना सिकंदरा के लखनपुर गांव के लाल देवेंद्र सिंह बघेल जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर तैनात थे जो आतंकवादियों से मुठभेड़ करते हुए शहीद हो गए. परिवार वालों जैसे ही देवेंद्र सिंह के शहीद होने की खबर मिली तो पूरा परिवार शोक में डूब गया.


7 साल पहले बीएसएफ में भर्ती हुए थे देवेंद्र सिंह बघेल
आगरा के लखनपुर गांव का लाल देवेंद्र सिंह बघेल करीब 7 साल पहले बीएसएफ में भर्ती हुए थे. देवेंद्र सिंह बघेल शुरू से ही सेना में जाना चाहते थे जिसको लेकर जीतोड़ मेहतन कर बीएसएफ में भर्ती हुए और देश की रक्षा में तैनात हो गए. देश की रक्षा की भावना मन में लिय देवेंद्र सिंह बघेल अपने फर्ज को जिम्मेदारी से निभाते रहे और देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए.


शहीद के परिवार का रो-रो कर बुरा हाल


शहीद देवेंद्र सिंह बघेल के परिवार में बुजुर्ग माता-पिता,पत्नी और दो बच्चे हैं. शहीद की करीब तीन वर्ष पहले शादी हुई थी और उनके दो बच्चे भी हैं. जिसमें एक 2 साल का बेटा और एक छोटी बेटी है. शहीद के बड़े भाई सीआरपीएफ में तैनात हैं. शहीद के पिता लकवाग्रत हैं और लंबे समय से इस बीमारी से जूझ रहे हैं. इस बीमारी की वजह से ना तो ठीक से चल सकते हैं और ना ही बोल सकते हैं. ऐसे में जवान बेटे के शहीद होने की खबर ने बूढ़े मां-बाप की आंखे नम कर दी हैं. पूरे परिवार में कोहराम मचा है ,शहीद की मां और पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है. शहीद के मासूम बच्चों को यह भी नहीं पता कि उनके सिर से पिता का साया सदा के लिए उठ गया है.


शहीद देवेंद्र सिंह के गांव में भी शोक की लहर
शहीद देवेंद्र सिंह के गांव में शोक की लहर है सभी को देवेंद्र सिंह बघेल की शहादत पर गर्व है. कहा जा रहा है कि देवेंद्र से गांव के और भी युवा प्रेरित हो रहे हैं और देश की रक्षा के लिए जाना चाह रहे हैं. शहीद के परिजनों को भी उनकी शहादत पर गर्व है. परिवार वालों ने बताया कि देवेंद्र पिछले महीने छुट्टी पर गांव आए हुए थे. देवेंद्र जब भी घर छुट्टी पर आते थे तो बताया करते थे किस तरह हम बॉर्डर पर तैनात रहते हैं. घुसपैठिए आए दिन फायरिंग करते हैं पर हम भी मुहतोड़ जबाब देते हैं. कई बार फायरिंग में गोली छू कर निकल गई पर इस बार गांव का लाल शहीद हो गया.


शहीद के नाम से स्मारक बनाने की मांग
शहीद के दोस्त का कहना है कि हमारा साथी देश की रक्षा करते हुए शहीद हुआ है. अपने पीछे परिवार छोड़ गया है वो तो अपना फर्ज निभा गया अब सरकार अपना फर्ज निभाए और शहीद के बच्चों के भविष्य के लिये कुछ करे. प्रधानमंत्री कहते थे की हमारा एक जबान जाएगा तो हम दस का सिर लाएंगे, अब कहा गए वो दावे कब तक हम ऐसे ही अपने सैनिकों को खोते रहेंगे. प्रधानमंत्री पाकिस्तान से कब इस वीर शहीदों का बदला लेंगे. हम चाहते है कि गांव में शहीद के नाम से स्मारक बने, गांव में शहीद के नाम से एक गेट बनवाया जाए. हमें देवेंद्र की शहादत पर गर्व है.


वहीं शहीद देवेंद्र सिंह बघेल के गांव लखनपुर में प्राथमिक विद्यालय में भी शोक की लहर है. शहीद की शहादत पर स्कूल की छुट्टी की गई और शहीद की आत्मा को शांति के विद्यालय के अध्यापिका और बच्चों ने मौन रख कर प्रार्थना की.