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कथावाचक देवकीनन्दन ठाकुर की गिरफ्तारी अनुचित: स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती
अपनी गिरफ्तारी को देवकीनंदन ठाकुर ने लोकतंत्र की हत्या करार दिया है. देवकीनंदन ठाकुर छह सिंतबर को हुए सवर्ण आंदोलन के कथित नेता हैं. ठाकुर एससी-एसटी एक्ट का पुरजोर विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इससे समाज में खाई बढ़ रही है.
मथुरा: द्वारका-शारदा पीठ एवं ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती ने देवकीनन्दन ठाकुर को गिरफ्तार कर लिए जाने की कार्यवाही को अनुचित बताते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज की है.
आगरा में मंगलवार को पूर्व प्रस्तावित सभा को संबोधित करने पहुंचे मथुरा के भागवत वक्ता एवं अखण्ड भारत मिशन संस्था के अध्यक्ष देवकीनन्दन ठाकुर को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया था जब वे एक होटल में प्रेस वार्ता कर रहे थे. देर शाम उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया था. वे भी आज शंकराचार्य के जन्मोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित हुए थे.
शंकराचार्य आज वृन्दावन के फोगला आश्रम में आयोजित अपने 95वें जन्मोत्सव के अवसर पर उपस्थित अनुयायियों एवं शिष्यों को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने वालों में मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी उपस्थित थे.
हाल ही में इलाहाबाद में राष्ट्रीय हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी के विरोध में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था. इतना ही नहीं उन लोगों ने मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर पुतला जलाने की कोशिश भी की थी.
बता दें आगरा के खंदौली में देवकीनंदन ठाकुर की सभा होनी थी जिसे प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी. गिरफ्तारी को देवकीनंदन ठाकुर ने लोकतंत्र की हत्या करार दिया है. देवकीनंदन ठाकुर छह सिंतबर को हुए सवर्ण आंदोलन के कथित नेता हैं. ठाकुर एससी-एसटी एक्ट का पुरजोर विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इससे समाज में खाई बढ़ रही है.
पिछले दिनों उन्होंने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा था कि हमारी अपनी सरकार अगर ऐसा कदम उठाएगी तो क्या मेरा अधिकार नहीं है कि मैं अपनी बात रख सकूं. हमें एससी-एसटी एक्ट चाहिए लेकिन जैसा सुप्रीम कोर्ट ने कहा है.
देवकी नंदन ठाकुर ने कहा था, ''चार युग निकल गए हम नहीं बंटे लेकिन जब से देश में जाति की राजनीति करने लगे हम आपस में बंट गए. हम देश, संस्कृति की बात नहीं करते. देश की संस्कृति है कि हम आपस में शक करें. इस कानून के बाद लोगों में डर बढ़ेगा कि मैं इसके साथ बैठूंगा तो मुझे जेल हो जाएगी.''
देवकी नंदन ठाकुर ने कहा था, ''अगर समाज किसी कानून से बंटेगा तो सारी पार्टियों और सारे सांसदों से कहता हूं कि इस पर विचार करें. हम सरकार को दो महीने का समय दे रहे हैं, इसके बाद जो होगा वो सब लोग देखेंगे.''
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अशोक वानखेड़ेवरिष्ठ पत्रकार
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