नई दिल्लीः आज बीजेपी ने भोपाल से कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मैदान में उतार दिया है. भोपाल का चुनावी मुकाबला इसके बाद दिलचस्प हो गया है. अब दिग्विजय सिंह ने साध्वी प्रज्ञा के भोपाल सीट से चुनाव लड़ने पर एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने वीडियो के जरिए उनका स्वागत किया है.


भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के भोपाल सीट से चुनाव लड़ने पर इसका स्वागत करते हुए कहा कि आशा करता हूं कि इस रमणीय शहर का शांत, शिक्षित और सभ्य वातावरण आपको पसंद आएगा. दिग्विजय सिंह ने ये भी कहा कि वो मां नर्मदा से साध्वी प्रज्ञा के लिए प्रार्थना करते हैं और नर्मदा जी से आशीर्वाद मांगते है कि हम सब सत्य, अहिंसा और धर्म की राह पर चल सकें. नर्मदे हर


आज बीजेपी ने मध्य प्रदेश की चार सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं जिसमें भोपाल से साध्वी प्रज्ञा, गुना से केपी यादव, विदिशा से रमाकांत भार्गव और सागर से राज बहादुर सिंह को उम्मीदवार बनाया है. बता दें कि गुना सीट पर कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना उम्मीदवार पहले ही घोषित कर दिया था.

साध्वी प्रज्ञा

बीजेपी ने लम्बे इंतजार के बाद आखिरकार बुधवार को भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के खिलाफ 2008 के मालेगांव विस्फोट मामलों की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. भोपाल लोकसभा सीट पर 12 मई को मतदान होना है.

बीजेपी की केन्द्रीय चुनाव समिति ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भोपाल लोकसभा सीट से दल का उम्मीदवार घोषित किया है. संघ परिवार का लगातार विरोध करने के कारण बीजेपी दिग्विजय के खिलाफ भोपाल से किसी कट्टर हिन्दू छवि वाले नेता को चुनाव मैदान में उतारना चाहती थी. इस कारण साध्वी उमा भारती और साध्वी प्रज्ञा सिंह को बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर भोपाल के चुनावी मैदान में उतारने के लिये कुछ समय से मंथन चल रहा था.

बीजेपी सूत्रों के अनुसार उमा भारती पहले ही चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर चुकी थीं. इसलिये साध्वी प्रज्ञा सिंह का नाम अंतिम दौड़ में आगे रहा. साल 2008 में मालेगांव बम विस्फोट मामले में प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ यूएपीए एक्ट के तहत मामला अदालत में विचाराधीन है.

उमा भारती वर्ष 1999 में भोपाल लोकसभा सीट से भारी मतों से जीती थीं. सूत्रों के अनुसार दिग्विजय सिंह को लोकसभा में पहुंचने से रोकने के लिये बीजेपी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी यहां से चुनावी मैदान में उतारने पर गंभीरता से विचार कर रही थी. कांग्रेस द्वारा 23 मार्च को दिग्विजय को भोपाल से उम्मीदवार घोषित करने के बाद बीजेपी में उम्मीदवार चयन को लेकर हलचल तेज हो गयी. भोपाल लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है और इस सीट पर बीजेपी का लगभग तीन दशक से कब्जा है.

हालांकि, नवंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भोपाल लोकसभा की आठ विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने तीन पर विजय हासिल की और शेष पांच पर बीजेपी की जीत के अंतर को काफी कम किया. इससे कांग्रेसी खेमे में इस सीट को हासिल करने की उम्मीदें काफी बलवती हो गयी हैं.

भोपाल लोकसभा सीट में कुल 18 लाख मतदाता हैं और इसमें 4.5 लाख मतदाता मुस्लिम हैं. मुस्लिम मतदाताओं के कांग्रेस की ओर रुझान के चलते बीजेपी ने लम्बे मंथन के बाद संघ की पसंद और कट्टर हिन्दूवादी चेहरा साध्वी प्रज्ञा सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है.

इसकी काट के लिये दिग्विजय अपनी उम्मीदवारी घोषित होने के बाद यहां लगातार मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं. कुछ दिन पहले ही उन्होंने भोपाल शहर में स्थित एक राम मंदिर की विवादित जमीन को जिला कांग्रेस कमेटी से लेकर मंदिर ट्रस्ट को सौंपने का आश्वासन भी दिया है.

प्रज्ञा सिंह भी कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के खिलाफ बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने को लेकर पिछले एक माह से उत्सुक हैं. उन्होंने कहा था कि संगठन बीजेपी ने यदि कहा तो वह दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव में उतरने के लिये तैयार हैं. उन्होंने कहा था, ‘दिग्विजय हिन्दू विरोधी नेता हैं और उन्होंने हिन्दुओं को आतंकवादी कहा था.’ प्रज्ञा ने बताया कि वह मध्य प्रदेश के भिण्ड जिले के लहार में जन्मी और पली, बढ़ी हैं और इतिहास विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है.

फायर ब्रांड साध्वी प्रज्ञा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एबीवीपी की नेता और विश्व हिन्दू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी में भी सक्रिय रही हैं और अपने तीखे भाषणों के लिये जानी जाती हैं. भोपाल लोकसभा सीट में आठ विधानसभा क्षेत्र बैरसिया, भोपाल उत्तर, नरेला, भोपाल दक्षिण-पश्चिम, भोपाल मध्य, गोविंदपुरा, हुजूर और सीहोर शामिल है.

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