भोपाल: पुलवामा हमले के 64वें दिन मसूद को बचाने वाली 'चीन की दीवार' गिर चुकी है. संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया है. 10 साल से भारत ये कोशिश कर रहा था और आज उसे जीत मिली. इस बड़ी खबर पर विपक्षी पार्टियों के नेताओं की भी प्रतिक्रिया आने लगी है. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि पाक पीएम मोदी के दोस्त हैं, दाऊद इब्राहिम, मसूद अजहर और हाफिज सईद को तत्काल भारत को सौंप देना चाहिए. वहीं मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने इसमें चुनावी एंगल ढूंढ लिया.
दिग्विजय सिंह ने कहा, ''घोषणा से क्या होता है, जब पाकिस्तान के पीएम दोस्ती जता रहे हैं मोदी जी के साथ तो दाऊद इब्राहिम, मसूद अजहर और हाफिज सईद को तत्काल भारत को सौंप देना चाहिए.'' वहीं मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने कहा है कि ये बहुत दिनों से तय था, अच्छी बात है कि हो गया. यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था. यह इलेक्शन के दौरान हुआ है, मुझे नहीं पता कि इसका चुनाव से कुछ मतलब है या नहीं.
पीएम बोले- अभी तो शुरुआत है आगे देखिए क्या होता है
भारत की इस कूटनीतिक जीत पर प्रधानमंत्री मोदी ने देश को बधाई दी साथ ही विरोधियों पर निशाना भी साधा. प्रधानमंत्री ने कहा ये है नया भारत और ये है इस नए भारत की ललकार. आज भारत की बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि जब ये काम चल रहा था तब नामदार ट्वीट करके बड़ी खुशी मनाते थे. बता दें कि 2019 में भारत की पांचवी कोशिश पर चीन को हार माननी पड़ी और आज मसूद अजहर ग्लोबल आतंकी घोषित हो गया. 10 साल से भारत ये कोशिश कर रहा था और आज उसे जीत मिली.
विपक्ष पर भी बरसे पीएम कहा- गर्व का दिन है, मिलावट न करें
प्रधानमंत्री ने इस उपबल्धि का जिक्र करते हुए पूरे विपक्ष को निशाने पर लिया, पीएम ने कहा कि ये सिर्फ मोदी की सफलता नहीं बल्कि पूरे देश की सफलता है. प्रधानमंत्री ने कहा, ''ये है नया भारत और ये है इस नए भारत की ललकार. आज भारत की बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मैं डंके की चोट पर ये कहना चाहता हूं कि ये तो सिर्फ शुरुआत है. आगे आगे देखिए, होता है क्या. ये सिर्फ मोदी की सफलता नहीं है, ये पूरे हिंदुस्तान की सफलता है. आज भारत के लिए, हर भारतीय के लिए बेहद गर्व का दिन है. मेरी हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि कोई राजनीतिक दल ऐसे उत्साह और आत्मविश्वास के माहौल में कृपा करके मिलावट न करे.''
10 साल की कोशिश के बाद भारत को मिली सफलता
संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने आज पाकिस्तान के आतंकवादी मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कर दिया है. अपनी लाख कोशिशों के बावजूद चीन पाकिस्तान के लाडले मसूद अजहर को नहीं बचा पाया, आखिरकार आज चीन को मसूद अजहर के खिलाफ लाए प्रस्ताव का समर्थन करना पड़ा. चीन की तरफ से कहा गया है कि अमेरिका, यूके और फ्रांस के प्रस्ताव को ध्यानपूर्वक पढ़ने के बाद उसने कोई भी आपत्ति नहीं पाई, इसलिए वो अपना टेक्निकल होल्ड हटा रहा है.
10 साल से भारत ये कोशिश कर रहा था और आज उसे जीत मिली. 2009 में भारत की पहली कोशिश पर चीन ने ब्लॉक किया, फिर 2016 में भारत की दूसरी कोशिश को चीन ने ब्लॉक किया. इसके बाद 2017 में तीन देश अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की कोशिश को भी चीन ने ब्लॉक किया. 2019 में फिर तीन देशों की कोशिश पर चीन ने टेक्निकल होल्ड लगा दिया. 2019 में पांचवी कोशिश पर चीन को हार माननी पड़ी और आज मसूद अजहर ग्लोबल आतंकी घोषित हो गया.
हालांकि चीन को इस बात का दुख बहुत है कि वो इस बार अपने दोस्त पाकिस्तान के आतंकवादी को बचा नहीं पाया. चीन का ये दुख उसके आधिकारिक बयान से दिखता है. जिसमें चीन ने ये कहा है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद से लड़ने के लिए बहुत योगदान दिया है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उसके इस योगदान को पहचानना चाहिए.
कौन है आतंक का आका मसूद अजहर?
मसूद अजहर का जन्म पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ. उसकी पढ़ाई कराची के जामिया उलूम उल इस्लामिया में हुई और वह हरकत-उल-अंसार से जुड़ गया. और यहीं से उसने आतंकी गतिविधियां शुरू की. साल 1994 के करीब मसूद अजहर श्रीनगर आ गया, उसे उसी साल फरवरी में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया. आतंकियों ने मसूद अजहर को छुड़ाने की कई बार कोशिशें की. साल 1995 में जम्मू-कश्मीर से कुछ विदेशी पर्यटकों को अगवा कर लिया गया. आतंकियों ने पर्यटकों को छोड़ने के बदले मसूद अजहर को जेल से रिहा करने की मांग रखी. इस बीच आतंकियों के चंगुल से एक विदेशी पर्यटक फरार हो गया, बाद में आतंकियों ने सभी पर्यटकों की हत्या कर दी.
इसके बाद आतंकियों ने साल 1999 में आतंकी मसूद अजहर को छुड़वाने की कोशिश की जिसमें वे कामयाब रहे. दरअसल, दिसंबर 1999 में काठमांडू एयरपोर्ट से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, नई दिल्ली जाने वाले भारतीय विमान IC814 को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया और विमान को लेकर अफगानिस्तान के कंधार चले गए. अपहरण किए गए विमान में कुल 178 सवार थे. आतंकियों ने यात्रियों को छोड़ने के बदले मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद ज़रगर को रिहा करने की मांग की. पूरे हाईजैक के पीछे मसूद अजहर के छोटे भाई अब्दुल रऊफ असगर का हाथ था.
उच्च स्तर पर तमाम चर्चाओं के बाद अजहर समेत तीनों आतंकियों को जम्मू की कोट भलवाल कारावास से निकालकर कंधार ले जाया गया. जिसके बाद आतंकियों ने सभी यात्रियों को रिहा कर दिया. मसूद अजहर ने उसके बाद साल 2000 में जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया और वह लगातार कश्मीर में युवाओं को भड़काने और आजादी की बात करता आ रहा है.
ग्लोबल आतंकी घोषित होने से अब क्या होगा?
भारत सरकार पिछले कई सालों से मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करवाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपील कर रहा था लेकिन हर बार उसे चीन बचा लेता था. ग्लोबल आतंकी घोषित होने के बाद मसूद अज़हर किसी भी देश में यात्रा नहीं कर पाएगा. पूरी दुनिया में मसूद की संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी. मसूद किसी भी देश से हथियार नहीं खरीद पाएगा और सबसे बड़ी बात इसके बाद पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने खुलकर मसूद अज़हर का बचाव भी नहीं कर पाएगा.
पाकिस्तान में आतंकियों के रसूख को देखते हुए इस बात की उम्मीद मुश्किल है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में नाम जोड़े जाने के बाद उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होगी. पहले से प्रतिबंधित सूची में मौजूद हाफिज सईद जैसे आतंकी सरगना को हासिल सहूलियतों को देखते हुए इसका अंदाजा भी लगाया जा सकता है. हालांकि आतंकवाद को लेकर बढ़ते दबाव और एफएटीफ ब्लैकलिस्टिंग की लटकती तलवार के बीच इस बात से इनकार भी नहीं किया जा सकता कि दिखावे के लिए ही सही मगर मसूद अजहर पर नकेल कसना पाकिस्तान की मजबूरी जरूर होगी.
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