कानपुर: दिन-रात बॉर्डर पर देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के लिए बड़ी खुश खबरी है. एक ऐसी बुलेटप्रूफ जैकेट तैयार की गई है जिस पर एके-47 की गोली भी असर नहीं करेगी, बल्कि जैकेट से टकराने के बाद बुलेट के कई टुकड़े हो जाएंगे. डीएमएसआरडीई कानपुर ने यह उपलब्धि हासिल की है. वर्तमान में यह टेक्नॉलाजी किसी भी देश के पास नहीं है. इसके साथ ही सैनिकों को बुलेट से बचाने वाले हेलमेट, ग्लेशियर के लिए ग्लब्स, चेहरे के लिए ग्लेशियर मास्क और खास तरह के जूते इजाद किए हैं.


लगाई जाएगी उपकरणों की प्रदर्शनी
डीएमएसआरडीई कानपुर के कार्यकारी निदेशक एसबी यादव ने बताया कि 49 करोड़ रुपये के दो प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी भारत सरकार ने दी है जिस पर हम लोग काम करेंगे. नेशनल टेक्नॉलाजी डे के अवसर पर संस्थान में बुलेटप्रूफ जैकेट, एनबीसी सूट, लाइफ जैकेट, ग्लब्स, एंटी माईन जूते आदि उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी. जिसे स्कूल के बच्चे और आम लोग देख सकते हैं.


20 साल से चल रही थी जैकेट पर रिसर्च
वरिष्ठ वैज्ञानिक अशोक रंजन और डॉ देवेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि बताया कि 11 मई को पोखरण परिक्षण किया गया था, इसी वजह से इसे हम लोग नेशनल टेक्नोलाजी डे के रूप में मनाते हैं. उन्होंने बताया कि बुलेट प्रूफ जैकेट पर लगभग 20 साल से रिसर्च चल रही थी. एके 47 की बुलेट बहुत ही सख्त स्टील की होती है जो बहुत ही घातक होती है. इसकी मारक क्षमता अचूक होती है.


जैकेट से टकराते ही टूट जाएगी बुलेट
इससे निपटने के बुलेट प्रूफ जैकेट में सेरेमिक और बोरान कार्बाइड को लगाया गया है जो बहुत ही सख्त है. जब बुलेट इससे टकराएगी तो यह बुलेट को तोड़ देगी. उन्होंने दावा किया कि इससे टकराते ही एके-47 की बुलेट टूट जाएगी.


जवानों के लिए बनाई जाएगी डेढ़ लाख जैकेट
कार्यकारी निदेशक के मुताबिक इस टेक्नालॉजी के हिसाब से कोलकाता, बेंगलुरु और दिल्ली की कम्पनी डेढ़ लाख जैकेट बनाएगी. इस जैकेट का वजन लगभग 10.2 किलो है. यह सैनिकों के पेट, सीना, पीठ और कमर के निचले हिस्सों की रक्षा करेगी.