नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए चुनाव आयोग ने पांचों राज्यों से कहा है कि उससे विचार-विमर्श किए बगैर बोर्ड परीक्षाओं के कार्यक्रमों की घोषणा न करें.


आयोग ने राज्यों से आज कहा, ‘‘आयोग को इसकी जानकारी है कि राज्यों में शिक्षण संस्थान के विभिन्न स्तरों की वाषिर्क परीक्षा साल के पूर्वाद्ध में होती हैं.’’ उसने कहा, ‘‘आयोग चाहता है कि चुनावों और विभिन्न बोर्डों द्वारा तैयार किए जाने वाले परीक्षा कार्यक्रमों में कोई टकराव ना हो.’’


चुनाव कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया


आयोग ने कहा कि यह संवैधानिक अनिवार्यता है कि विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से काफी पहले चुनाव करा लिए जाएं और वह चुनाव कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है.


आपको बता दें कि गोवा, मणिपुर और पंजाब में विधानसभा का कार्यकाल 18 मार्च को समाप्त हो रहा है जबकि उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 26 मार्च को खत्म हो रहा है. तो वहीं उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 27 मई को समाप्त होगा. चुनाव आयोग के इन राज्यों के लिए चुनावी कार्यक्रमों की घोषणा इस महीने के अंत में या जनवरी के आरंभ में करने की संभावना है.


यूपी में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 16 फरवरी से


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की साल 2017 हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं की तिथियां गुरुवार को घोषित की गई. हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 16 फरवरी से शुरू होंगी.


परिषद की सचिव शैल यादव ने बताया कि 10वीं की परीक्षा 16 फरवरी से 6 मार्च तक और इंटरमीडिएट की परीक्षा 16 फरवरी से 20 मार्च तक कराई जाएंगी. 2017 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बोर्ड परीक्षा की तिथियां चुनाव आयोग को भी भेज दी है.


इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षाएं 22 दिसंबर से


सचिव शैल यादव के मुताबिक, हाईस्कूल की परीक्षाएं 15 कार्यदिवसों और इंटर की परीक्षाएं 25 कार्यदिवसों में कराई जाएंगी. इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षाएं 22 दिसंबर से शुरू हो रही है.


गौरतलब है कि यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में 60 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल होंगे. 10वीं में 34,04,471 और 12वीं में 26,24,681 यानी कुल 60,29,152 लाख रेगुलर और प्राइवेट परीक्षार्थियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है.