जर्मनी में दिखाई गई कैलकुलेटर गर्ल पर बनी डाक्यूमेंट्री, पलक झपकते ही हल कर देती है बड़े से बड़ा सवाल
चुटकियों में बड़ी-बड़ी गणनाओं को हल करने वाली दिलप्रीत का दिमाग कैलकुलेटर और कंप्यूटर से भी तेज चलता है. लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड में नाम दर्ज कराने के बाद कई नेशनल एवार्ड भी अपने नाम कर चुकी है.
कानपुर: कानपुर की कैलकुलेटर गर्ल दिलप्रीत सिंह विदेशों में भी देश का नाम रोशन कर रही है. चुटकियों में बड़ी-बड़ी गणनाओं को हल करने वाली दिलप्रीत का दिमाग कैलकुलेटर और कंप्यूटर से भी तेज चलता है. लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड में नाम दर्ज कराने के बाद कई नेशनल एवार्ड भी वो अपने नाम कर चुकी है.
प्रदेश सरकार ने दिलप्रीत को रानी लक्ष्मी बाई अवार्ड से भी नवाजा था. जर्मनी के एक न्यूज चैनल ने शहर में आ कर कैलकुलेटर गर्ल पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई, जब यह फिल्म वहां टीवी चैनलों में प्रसारित की गई तो सभी लोग उससे बहुत ही प्रभावित हुए. स्कूली बच्चे तो दिलप्रीत के दीवाने हो गए और उससे बहुत कुछ सीखने के प्रयास में जुट गए हैं.
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दिलप्रीत का आईक्यू लेबल सामान्य बच्चों से कहीं ज्यादा है नजीराबाद थाना क्षेत्र स्थित गुमटी में रहने वाले दिलप्रीत के पिता मंजीत सिंह एबैकस पद्धति से मैथमैटिक पढ़ाते हैं. परिवार में पत्नी परमजीत और बेटी दिलप्रीत के साथ रहते हैं, दिलप्रीत हैडारड स्कूल में पढ़ती है. दिलप्रीत का आईक्यू लेबल सामान्य बच्चों से कही ज्यादा है. कैलकुलेटर गर्ल हवा में जोड़ घटाना, बड़ी सी बड़ी गणनाओं को पलक झपकते हल कर देती है.
जर्मनी की टीम बना चुकी है डाक्यूमेंट्री जर्मनी की टीम दिलप्रीत के घर पर आकर दो दिनों में एक डाक्यूमेंट्री तैयार की थी. जिसमे दिलप्रीत के पढ़ाई के तारीके को और बड़ी-बड़ी गणनाओं को पलक झपकते हुए हल करने को फिल्माया गया है. जब यह फिल्म टीवी न्यूज चैलन में प्रसारित की गई तो जर्मनी, ब्रिटेन अमेरिका के लोगों ने दांतों तले उंगलिया दबा लीं.
दिलप्रीत ने जीती है 7 मिनट में 300 सवाल हल करने की प्रतियोगिता दिलप्रीत एक मिनट में सौ से अधिक जोड़ घटाने,गुणा और भाग के सवाल हल चुकी है. इसके साथ ही वह बीस मिनट में एक हजार सवालों को भी पूरा कर चुकी है. सन 2015 मी दिलप्रीत ने एक प्रतियोगिता में 8 मिनट में 300 सवाल हल करने थे लेकिन उसने मात्र 7 मिनट में ही इन सवालों को हल कर प्रतियोगिता अपने नाम कर ली थी. सन 2016 में दिल्ली में आयोजित एक प्रतियोगिता में दिलप्रीत ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था जिसमें केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने सम्मानित किया था.
दिलप्रीत के दिमाग में कैलकुलेटर की फोटोग्राफिक मेमोरी विकसित हो गई हैदिलप्रीत के पिता मंजीत सिंह के मुताबिक दिलप्रीत को बचपन से गणित का इतना अभ्यास कराया गया है कि उसके दिमाग में कैलकुलेटर की फोटोग्राफिक मेमोरी विकसित हो गई है. इस वजह से कितने लम्बे जोड़ घटाना क्यों ना हो, वो पलक झपकते हल कर लेती है. उन्होंने बताया कि एबैक पद्धति से लगातार कई साल प्रैक्टिस करने के बाद एबैकस के जरिए इसके बीड्स की फोटोग्राफी दिमाग में छप जाती है. बच्चों को एबैकस के एक-एक बीड को याद करवाया जाता है. उसका रो और कॉलम एक-एक चीज उसके दिमाग में बैठ जाती हैं.