दुष्यंत कुमार के म्यूज़ियम पर एक बार फिर से संकट के बादल
भोपाल में दुष्यंत कुमार के नाम पर बन रहे म्यूज़ियम के अस्तित्व पर एक बार फिर से संकट के बादल खड़े हो गए हैं. टीटी नगर में म्यूज़ियम को शिफ्ट किए बिना ही पुरानी इमारत को तोड़ा जा रहा है.
भोपालः भोपाल में दुष्यंत कुमार के नाम पर बन रहे म्यूज़ियम के अस्तित्व पर एक बार फिर से संकट के बादल खड़े हो गए हैं. सीएम शिवराज सिंह के भरोसे के बावजूद संग्रहालय को अब तक नई जगह नहीं मिली है और स्मार्ट सिटी बन रहे टीटी नगर में म्यूज़ियम को शिफ्ट किए बिना ही पुरानी इमारत को तोड़ा जा रहा है.
दरअसल भोपाल का टीटी नगर इलाका स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है. शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की तैयारियाँ जोरो पर हैं. लेकिन विकास की इस राह में कीमत एक पुरानी इमारत को चुकानी पड़ रही है जहां मशहूर कवि और लेखक दुष्यंत कुमार का संग्रहालय मौजूद है.
पिछले 13 सालों से टीटी नगर में संग्रहालय चल रहा है, लेकिन स्मार्ट सिटी की राह में आने की वजह से अब इस संग्रहालय को तोड़ा जा रहा है. संग्रहालय की इस इमारत में दुष्यंत कुमार की ढेर सारी विरासतों को सहेज कर रखा गया है. दूसरे लेखकों की भी किताबें हैं. संग्रहालय में दुष्यंत कुमार के हाथों से लिखी पांडुलिपियां भी मौजूद हैं, जो अब तक जैसे तैसे रखी हुई हैं. क्योंकि इन सबके लिए सही जगह नहीं मिल रही है.
बिजनौर के रहने वाले हिंदी के मशहूर कवि दुष्यंत कुमार त्यागी का जन्म 01 सितंबर 1933 को हुआ था. दुष्यंत को उनकी लेखनी लोकप्रियता के शिखर तक पहुँचाया. उनकी कविताओं की आवाज़ आज भी संसद से सड़क तक गूंजती है. दुष्यंत कुमार ने भोपाल में आकाशवाणी में असिस्टेंट प्रोड्यूसर के तौर पर भी काम किया है. दुष्यंत कुमार का निधन 1975 में हुआ था.
पिछले साल सरकार की तरफ सें यह भरोसा भी दिलाया गया था कि स्मार्ट सिटी में संग्रहालय के लिए अलग से जमीन दी जाएगी. लेकिन दूसरा सरकारी मकान दिलाने के लिए संग्रहालय से इस मकान का बकाया पौने 4 लाख रुपये जमा करवाने के बाद भी अब तक कोई सरकारी मकान नहीं मिल सका है.
चुनावी साल में मंत्री जी एक बार फिर भरोसा दिला रहे हैं, लेकिन सवाल ये है कि तब तक ये धरोहर कहां रखी जाएगी. अब दुष्यंत कुमार संग्रहालय से जुड़े लोग सरकारी आश्वासनों से आजिज आ गए हैं. ये सारे लोग 15 अगस्त से संग्रहालय के सामने ही टेंट लगाकर धरना देने की सोच रहे हैं.